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वैदिक भारत

शरद पूर्णिमा 2022: इस वर्ष 9 अक्टूबर रविवार को है शरद पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। वहीं शरद ऋतु के प्रारंभ की अनुभूति शरद पूर्णिमा के दिन से होती है। शारदीय नवरात्रि के बाद पड़ने वाली पहली पूर्णिमा को ही शरद पूर्णिमा कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत

शरद पूर्णिमा को इस तरीके से खीर बनाकर खाने से मिलती है असाध्य रोगों से मुक्ति

शरद पूर्णिमा के महत्व से हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन इस दिन खीर किस तरह से बनाकर कैसे खाना चाहिए यह शायद ही कोई जानता हो। इस दिन कोई खिचड़ी तो कोई खीर बनाकर कहा लेते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा की इस दिन का विशेष महत्व क्या

जानिए मुक्तवर्चा के औषधीय गुण : वनौषधि – 23

प्रचलित नाम - सुलतान (ताम्रपत्र एवं हरित पत्र) कुप्पी प्रयोज्य अंग-पंचांग, पत्र, पुष्प ।स्वरूप- लघु एक सदनी गुल्म,पत्र भिन्न वर्णी (रक्त, हरित या ताम्र),पुष्प मंजरीया लाल/ हरी । स्वाद- तिक्त । रासायनिक संगठन इस वनस्पति में

चर्मरोगों और दंतरोग में खैर के फायदे, औषधीय गुण तथा लाभ : वनौषधि – 22

प्रचलित नाम- खैर, खादिर और खदिर। प्रयोज्य अंग- खदिर सार, त्वक् ।स्वरूप- मध्यम कद का कंटकीय वृक्ष, पर्णवृंत के नीचे एक जोड़ी कंटकों की,पत्ते संयुक्तपुष्प श्वेत या हल्के पीले, जो मंजरीयों में होते हैं । स्वाद - कटु । रासायनिक

आइए जानते हैं ऋषि अंगिरा को जिनका जिक्र ऋग्वेद के सूक्तों में मिलता है

पुराणों के अनुसार महर्षि अंगिरा ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं तथा ये गुणों में ब्रह्मा जी के ही समान हैं। इन्हें प्रजापति भी कहा गया है और सप्तर्षियों में वसिष्ठ, विश्वामित्र तथा मरीचि आदि के साथ इनका भी परिगणन हुआ है। इनके दिव्य

शारीरिक बल, चमक और यौन शक्ति को बढ़ाता है अतिबला : वनौषधि – 21

प्रचलित नाम- कंघी, घंटिका, कंघिनी और अतिबला प्रयोज्य अंग- मूल की छाल, पत्र तथा बीजस्वरूप- बहुवर्षायु, मृदु, श्वेत मखमली रोमावरण युक्त क्षुप, एक से दो मीटर ऊँचा, पत्र दन्तुर, हृदयाकार एवं लम्बेवृन्तयुक्त,पुष्प - पीतवर्णी के,फल - चक्राकार

विक्रम और बेताल की कहानियां : बेताल पच्चीसी

विक्रम और बेताल की कहानियां, जिसे बेताल पच्चीसी के नाम से भी जाना जाता है। विश्व साहित्य के धरोहरों में से एक हैं। ये सभी कहानियां संस्कृत के एक ग्रंथ बेतालपञ्चविंशतिका में मौजूद हैं। इसमें कई प्ररेणादायक और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने वाली

नीम / निम्ब के गुण और प्रयोग विधि, जानिए इसके फायदे : वनौषधि – 19

प्रचलित नाम- नीम प्रयोज्य अंग- पंचांग मूल की छाल, कांड की छाल, पत्र, पुष्प, फल (कच्चे तथा पके हुए) स्वरूप- यह एक सघन विशाल 35 -45 फीट ऊँचा वृक्ष, जिसकी शाखाएँ तथा उप शाखाएँ फैली हुई होती है। शाखाओं के अंतभाग में संयुक्त पत्ते होते हैं।…

सरस्वती पूजा 2022:-जानें पौराणिक मान्यता और पूजन विधि…

यह त्यौहार माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी ति​थि 05 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रही है, यह 06 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 46 मिनट तक है. वसंत पंचमी की उदयाति​थि…

आज मनाया जा रहा मकर संक्रांति का पर्व, सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जानें शुभ…

मकर संक्रांति 2022: मकर संक्रांति का पर्व आज मनाया जा रहा है. ज के दिन सूर्य देव धनु राशि से​ निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं यही मकर संक्रांति कहलाता है. आज के दिन स्नान कर सूर्य देव की पूजा करने का विधान है. उसके बाद दान…