चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना मानव इतिहास की सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना है, जो 25-26 अप्रैल 1986 की रात यूक्रेन स्थित चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र के रिएक्टर क्रमांक 4 में हुई. यह परमाणु संयंत्र उत्तरी सोवियत यूक्रेन में स्थित प्रिप्यत शहर के पास बनाया गया था. इस शहर में आज भी कोई नहीं रहता.
कैसे हुआ था हादसा
यह हादसा देर रात को उस वक्त हुआ जब इस संयंत्र के रक्षा उपकरणों की जांच की जा रही थी.
रिएक्टर संख्या 4 के उपकरणों को जानबूझ कर बन्द किया गया था यह जांच करने के लिए की अगर बिजली चली जाती है तो संयंत्र के उपकरण काम करते है की नहीं.
परन्तु निर्माण में हुई कमियों और संचालन गड़बड़ियों के कारण रिएक्टर कोर में होने वाली परमाणु अभिक्रिया अत्यंत तेज हो गयी. जिसके बाद उत्पन्न गर्मी के कारण सारा पानी भाप में बदल गया और दवाब अधिक बढ़ जाने के कारण रिएक्टर में विस्फोट होगया.
ग्रेफाइट में आग लग गयी जिसके बाद पूरे संयंत्र में आग लग गई.
यह लगातार 9 दिनों तक जलती रही और वातावरण में रेडियोधर्मी पदार्थो को उगलती रही.
हिरोशिमा एवं नागासाकी परमाणु हमले से 10 गुना ज्यादा खतरनाक हादसा था
माना जाता है की इस दौरान इतने रेडियोधर्मी पदार्थ वातावरण में मुक्त हुए जितने की किसी परमाणु बम के विस्फोट के दौरान होते है.
ये रेडियोधर्मी पदार्थ दक्षिणी सोवियत यूनियन और यूरोपियन देशों के वातावरण में मिल गए जिससे जान और माल का काफी नुक्सान हुआ जो आज भी जारी है. इससे इतनी ज्यादा मात्रा में रेडियो एक्टिव धर्मी पदार्थ निकले जो हिरोशिमा एवं नागासाकी परमाणु हमले से 10 गुना ज्यादा था. इस दुर्घटना के बाद करीब 60 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया. करीबनं २ लाख लोगों को विस्थापित किया गया.
क्या क्या हुआ नुकसान
भाप द्वारा हुए विस्फोट के कारण सयंत्र में तत्काल दो लोगो की मौत हुई जिसमे एक तो विस्फोट से और दूसरा रेडियोधर्मिता की प्राणघातक मात्रा के संपर्क में आने से मारा गया. आने वाले दिनों में 134 कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा जिनमे ARS (न्यून रेडियोधर्मी विसंगति) के लक्षण दिखाई दिए, इनमे से 28 दमकलकर्मी और कर्मचारी दिन बीतने के साथ मरते गए और 14 लोगो की मौत आने वाले 10 वर्षों में (1996 तक) रेडियोधर्मी कैंसर से हुई. आसपास फैली घनी आबादी में से 15 या उससे अधिक बच्चों की मौत सन 2011 तक थाइरोइड कैंसर से हो चुकी है. इस बात को जाने में अभी वर्षों वक्त और लग सकता है जिससे इस बात की और पुष्टि हो सकती है की उन 134 लोगो की आने वाली पीढ़ियों को भी विसंगति का सामना करना पड़ सकता है.
परमाणु सयंत्र के इतिहास में घटित सबसे बड़ी घटना
चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना जान और माल के लिहाज़ से परमाणु सयंत्र इतिहास में घटित सबसे बड़ी घटना माना जाता है. यह दुर्घटना अभी तक घटित उन 2 दुर्घटनाओ में से एक है जिसे अंतर्राष्ट्रीय परमाणु त्रासदी पैमाने पर सबसे ज्यादा अंक 7 मिले है .
दूसरी दुर्घटना सन 2011 में जापान के फुकुशिमा में हुई है. जिस परमाणु रिएक्टर में विस्फोट हुआ था उसे 1983 में बनाया गया था. जापान के फुकुशिमा में हुई दुर्घटना रूस के तरह घातक सिद्ध हुई. फुकुशिमा जापान के बगल में स्थित प्रशांत महासागर में स्थापित की गई थी. यह परमाणु रिएक्टर 4-6 दिन तक लगातर जलती रही. दो हफ़्ते बाद इसमें काबु पाया गया.