दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने लॉकडाउन के बीच काफी सक्रियता दिखाए हुए अपने सब्सक्राइबर में पिछले 15 दिन में करीब 946 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. असल में ईपीएफओ ने खास प्रावधान करते हुए लॉकडाउन के बीच लोगों को अपने पीएफ से एडवांस निकासी की इजाजत दी है.
कोरोना संकट के दौर में लोगों को किसी तरह की आर्थिक समस्या न आए, इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ एकाउंट से एडवांस पैसा निकालने की सुविधा प्रदान की है. इस निकाले गए रकम पर टैक्स भी नहीं कटता है.
ईपीएफओ ने 15 दिन में करीब 3.31 लाख क्लेम को निबटाते हुए सब्सक्राइबर को 946.49 करोड़ रुपये वापस किए हैं, जो उनके अपने प्रोविडेंट फंड में जमा था. श्रम मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है.
यही नहीं, इसके अलावा उन पीएफ ट्रस्ट के द्वारा भी 284 करोड़ रुपये का पीएफ वितरण किया गया है जिनको ईपीएफओ से इतर संचालित होने की छूट होती है. यह ईपीएफ स्कीम के तहत संचालित होते हैं.
श्रम मंत्रालय ने कहा, ‘इस संकट के दौरान ईपीएफओ अपने सदस्यों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है. ईपीएफओ के सभी दफ्तरों से इस कठिन हालात के बीच भी काम करते हुए जरूरी सेवाएं मुहैया करा रहे हैं.’
मंत्रालय ने कहा कि यह निकासी पूरी तरह से ऑनलाइन हो रही है और इससे जरूरतमंद सब्सक्राइबर को लॉकडाउन के बीच काफी राहत मिल रही है.
आपके PF खाते में मौजूद बैलेंस (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से) के 75 फीसदी तक, या वेतन के तीन महीने के बराबर (जो भी कम हो) रकम आप निकाल सकते हैं. गौरतलब है कि पिछले महीने श्रम मंत्रालय ने यह ऐलान किया था कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए खास प्रावधान करते हुए ईपीएफ के सब्सक्राइबर को उनके पीएफ रकम के 75 फीसदी या तीन महीने के मूल वेतन के बराबर, जो भी कम हो, रकम निकालने की इजाजत दी जाएगी.
इसके लिए 28 मार्च, 2020 को एक नोटिफिकेशन जारी कर कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में बदलाव किया गया था. इस रकम को एडवांस की तौर पर दिया जा रहा है और इसे कर्मचारी को फिर से जमा करने की जरूरत नहीं है.