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वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य

by bnnbharat.com
July 6, 2019
in समाचार
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रांची: मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के अन्नदाता किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकार समर्पित है. राज्य के किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकार के योजनाओं से आच्छादित कर समृद्ध बनाने का काम किया गया है.

वर्ष 2013-14 में राज्य की कृषि फसल दर -4.5 प्रतिशत थी. पिछले साढे 4 साल में राज्य की कृषि दर बढ़कर +14.2 प्रतिशत हो गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अन्नदाताओं ने अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग करते हुए अपने मेहनत और लगन से रिकॉर्ड कृषि उत्पादन किया है. परिणाम स्वरूप यह हुआ कि पिछले 4 वर्षों में राज्य के कृषि विकास दर में 19 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है.

कृषि फसल दर में हो रही उन्नति से यह साफ हो गया है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य को पूरा करने की और झारखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है. उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने झारखंड मंत्रालय में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए कहीं.

डेयरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी बनाने का निर्देश

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल को निदेश दिया कि राज्य में जल्द ही डेयरी इंडस्ट्री प्रमोशन पॉलिसी बनाई जाए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक झारखंड को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करें.

डेयरी इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में ट्राइबल महिलाओं को जोड़ने का कार्य करें. इससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. राज्य के आदिवासी बहुल जिलों में गाय पालन के प्रति आदिवासी महिलाओं को जागरूक करें.

दुग्ध उत्पादन के फायदों को उन्हें बताएं. सितंबर माह से कृषि विभाग के अधिकारी सभी जिलों में आदिवासी महिला किसानों के साथ बैठक करें एवं गाय पालन के प्रति उन्हें प्रोत्साहित करें.

बैठक में कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल ने यह जानकारी दी कि झारखंड में पहली बार रांची के होटवार में एक लाख लीटर क्षमता का अति आधुनिक डेयरी प्लांट तथा एक मिनरल मिक्सर प्लांट एवं बाईपास प्रोटीन प्लांट की स्थापना की गई है.

पलामू,सारठ (देवघर), रांची, जमशेदपुर एवं गिरिडीह जिला में भी 50 हजार लीटर क्षमता का डेयरी प्लांट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है. कृषि सचिव ने यह जानकारी दी कि वर्ष 2018-19 में 59.50 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन हुआ है तथा वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रतिदिन 62.50 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

61928 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा पहुंची

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उन्नति हो इसके लिए राज्य सरकार ने पिछले साढे 4 वर्षों में जल संग्रहण एवं जल संचयन के लिए 77,444 डोभा, 5526 तालाबों का जीर्णोद्धार तथा 3334 परकोलेशन टैंक का निर्माण किया जिससे 61928 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा पहुंची.

साथ ही साथ कृषि यांत्रिकीकरण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कुल 964 कृषि यंत्र (ट्रैक्टर), विशेष सिंचाई सुविधा अंतर्गत कुल 2659 डीप बोरिंग का कार्य कराया गया है.

राज्य के किसानों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए सरकार के विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया. राज्य के किसानों को फसल बीमा अंतर्गत 283 करोड़ की राशि राज्य सरकार के द्वारा भुगतान किया जा रहा है.

कृषकों को कृषि कार्य के लिए दिए गए अल्पकालीन कृषि ऋण पर कृषि ऋण के भुगतान में अतिरिक्त 3% का सूद माफ करने के लिए इंटरेस्ट सबभेन्शन योजना की शुरुआत हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीज के मामले में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केवीके के तकनीकी मार्गदर्शन में राज्य में पहली बार कुल 1313 बीज ग्राम का भी गठन किया गया है. जिसमें 1073 धान,186 दलहन और 50 बीज ग्राम तिलहन के शामिल हैं.

किसानों को निशुल्क मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जा रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि “ई-नाम” में सूचीबद्ध लगभग 75000 किसानों को मोबाइल फोन के लिए उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से ₹2000 की राशि उपलब्ध कराई जा रही है. इस योजना के अंतर्गत इस वर्ष अब तक22000 किसानों के बीच वितरण किया गया है.

सितम्बर तक रजिस्टर्ड सभी किसानों को मोबाइल फोन दे दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि सिंगल विंडो सेंटर का भी संचालन कृषकों के हित में सफलतापूर्वक किया जा रहा है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत अब तक लगभग 17 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किसानों के बीच किया गया है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ किसानों को मिला

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को ₹6000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.

राज्य के लगभग 6 लाख किसानों को इस योजना के तहत प्रथम किस्त का लाभ दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि
अन्नदाताओं को अब खाद बीज इत्यादि खरीदने के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि कृषि के उन्नत तकनीक को सीखने के लिए राज्य से किसानों का जत्था को इजराइल भेजा गया था.

राज्य से कुल 83 किसान इजराइल में आधुनिक कृषि, ड्रिप सिंचाई अन्य नई पद्धति को देखने और समझने के लिए गए थे. उन्होंने कहा कि जो भी किसान इजराइल से उन्नत कृषि की तकनीक को सीख कर झारखंड लौटे हैं वे अपने जिले के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य कर रहे हैं.

बूंद बूंद सिंचाई पद्धति को अपनाकर पूरे वर्ष खेती कर रहे हैं जो अन्य कृषकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इजराइल से उन्नत कृषि की तकनीक को सीखने वाले किसान एवं राज्य के वैसे किसान जो कृषि, पशुपालन के क्षेत्र में अपने जिलों में अच्छे कार्य कर रहे हैं उनकी बैठक बुलाई जाए ताकि वे लोग अपने अपने कार्य अनुभव को साझा कर सके और दूसरे किसानों को प्रेरित करें.

राज्य में कृषि महाविद्यालयों की स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालयों के रूप में राज्य में 7 नए महाविद्यालयों का स्थापना किया जा रहा है. इन महाविद्यालयों के सुचारू रूप से संचालन के लिए कुल 435 पदों का सृजन भी किया गया है. इनमें से कुछ महाविद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है और शेष महाविद्यालयों में जल्द ही पढ़ाई शुरू होगी.

प्रत्येक जिले में मत्स्य बिक्री केंद्र बनाएं

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य के सभी जिलों में मत्स्य बिक्री केंद्र बनाए जाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वर्तमान में देश के मछली उत्पादन में अग्रणी राज्यों में स्थापित हुआ है. वर्ष 2014 तक राज्य में मछली का उत्पादन 1 लाख 4 हजार मैट्रिक टन था जो वर्ष वार बढ़कर वर्ष 2018-19 में 2 लाख 8 हजार मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है जो रिकॉर्ड उपलब्धि है.

आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को मछली निर्यात करने वाला राज्य बनाना है. उन्होंने कहा कि मत्स्य बीज उत्पादन में भी आशातीत वृद्धि हुई है. वर्ष 2014 तक जहां सिर्फ 108 करोड़ मछली बीज का उत्पादन होता था वह बढ़कर 2018-19 में 1036.29 करोड़ हुआ है.

मत्स्य बीज उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए 123 मत्स्य बीज हैचरी का अधिष्ठापन किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केज कल्चर में झारखंड रोल मॉडल बने इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. चेज कल्चर को वृहद पैमाने पर अपनाने वाला झारखंड पहला राज्य है. यहां के किस कल्चर का अनुसरण दूसरे राज्यों के लोग भी कर रहे हैं.

मछुआ आवास एवं वेदव्यास आवास का भी मिल रहा है लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मछुआरों को मछुआ आवास एवं वेदव्यास आवास योजना का पूरा लाभ मिल रहा है. राज्य में वर्ष 2014-15 तक मात्र 10204 मछुआ आवास का निर्माण कराया गया था वहीं बस 2018-19 तक बढ़कर 19,511 हो गया है. वेदव्यास आवास योजना के अंतर्गत राज्य में कुल 2100 आवास बनाए जाएंगे.

जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन के ब्रांच स्थापित करने का निर्देश दिया

मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को निर्देश दिया कि जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन का ब्रांच स्थापित किए जाएं. खासतौर पर ट्राईबल जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन के ब्रांच खुलने से वहां की आदिवासी महिलाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा. पोल्ट्री फार्म में काम कर महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी. पोल्ट्री फार्म का उत्पादित अंडा को राज्य सरकार खरीदेगी जो मिड डे मील में बच्चों को दिया जायेगा.

शीतगृहों के निर्माण पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के बेहतर विपणन के उद्देश्य राज्य के सभी जिलों में पांच हजार मैट्रिक टन क्षमता के एक-एक शीतगृहों का निर्माण किया जा रहा है. नवनिर्मित शीतगृहों को जल्द से जल्द कार्यान्वित करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिव को दिया.

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने बैठक में आने वाले 4 महीनों में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना,

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना,

किसानों को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने की योजना,

सॉइल हेल्थ कार्ड,

उर्वरक का उठाव,

पशुपालन से स्वरोजगार इत्यादि कार्यो में तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दिया मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी रिजल्ट ओरिएंटेड कार्यपद्धती अपनाएं तभी नया झारखंड और नया भारत बनने का सपना साकार करने में सहायक होगा.

बैठक में कृषि मंत्री श्री रणधीर सिंह, मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, एमडी मार्केटिंग बोर्ड श्री मंजूनाथ भजंत्री निदेशक श्री छवि रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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