भूमिका
15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। यह दिन सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के दिलों में देशभक्ति, सम्मान और गर्व की भावना का प्रतीक है। 1947 में मिली आज़ादी के बाद से भारत ने 78 वर्षों की लंबी यात्रा तय की है—एक ऐसी यात्रा जिसमें संघर्ष, बलिदान, विकास और अनगिनत सपनों का संगम है।
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स्वतंत्रता का इतिहास – संघर्ष की अमर गाथा
भारत की आज़ादी की कहानी केवल इतिहास की किताबों में नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में दर्ज है।
1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम: इसे भारत का पहला स्वतंत्रता प्रयास कहा जाता है। रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पांडे, तात्या टोपे जैसे वीरों ने अंग्रेज़ी शासन को चुनौती दी।
1905 का बंगाल विभाजन और स्वदेशी आंदोलन: राष्ट्रवाद की लहर पूरे देश में फैल गई।
महात्मा गांधी का नेतृत्व: असहयोग आंदोलन (1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930), भारत छोड़ो आंदोलन (1942) ने आज़ादी की आग को और भड़काया।
क्रांतिकारियों का योगदान: भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस—इन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर आज़ादी की नींव मजबूत की।
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15 अगस्त 1947 – स्वतंत्रता की पहली सुबह
आधी रात को जब घड़ी ने 12 बजाए, भारत ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर स्वतंत्रता की पहली सांस ली।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संसद भवन में “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण दिया और तिरंगा पूरे गर्व के साथ लहराया। उस क्षण हर भारतीय की आँखों में आँसू और दिल में गर्व था।
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79 वर्षों की यात्रा – उपलब्धियाँ और बदलाव
पिछले 78 वर्षों में भारत ने कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है—
1. विज्ञान और तकनीक
इसरो की चंद्रयान और मंगलयान मिशन।
डिजिटल इंडिया और 5G नेटवर्क का विस्तार।
2. खेल
ओलंपिक, कॉमनवेल्थ और क्रिकेट में ऐतिहासिक जीतें।
युवा खिलाड़ियों का वैश्विक मंच पर चमकना।
3. अर्थव्यवस्था
दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में स्थान।
स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों से रोजगार और उद्योग में वृद्धि।
4. सामाजिक बदलाव
महिला सशक्तिकरण और शिक्षा का विस्तार।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास।
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आज की चुनौतियाँ
हालांकि हमने बहुत प्रगति की है, पर चुनौतियाँ भी कम नहीं—
बेरोज़गारी और गरीबी।
पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन।
भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता।
इन चुनौतियों से लड़ना ही आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
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79वें स्वतंत्रता दिवस का महत्व
79वाँ स्वतंत्रता दिवस सिर्फ अतीत की याद नहीं, बल्कि भविष्य के सपनों का संकल्प भी है।
यह हमें याद दिलाता है कि आज़ादी के साथ जिम्मेदारी भी आती है।
यह हमें प्रेरित करता है कि हम देश की एकता, अखंडता और समृद्धि के लिए अपना योगदान दें।
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देशभर में उत्सव
लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन: जिसमें देश की प्रगति, चुनौतियों और लक्ष्यों पर प्रकाश डाला जाता है।
स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रम: ध्वजारोहण, देशभक्ति गीत, नाटक और परेड।
गाँव-गाँव में उत्सव: पंचायत भवनों और सामुदायिक केंद्रों में तिरंगा फहराना और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ।
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आज की पीढ़ी के लिए संदेश
आज की युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि
देशप्रेम सिर्फ शब्दों में नहीं, कर्म में दिखना चाहिए।
देश के विकास के लिए ईमानदारी, मेहनत और नवाचार ज़रूरी है।
भारत की विविधता में एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
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निष्कर्ष
79वाँ स्वतंत्रता दिवस हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि जिन वीरों ने अपनी जान देकर यह आज़ादी दी, क्या हम उनके सपनों का भारत बना पाए हैं? अगर नहीं, तो हमें आज से ही संकल्प लेना होगा कि 2047 में जब भारत आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब वह दुनिया का सबसे विकसित, सुरक्षित और खुशहाल देश हो।

