रांची: मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यपालिका स्वयं आगे बढ़कर कार्रवाई करें। किसी को माननीय न्यायालय जाने या न्यायिक आदेश पर कार्रवाई हो, इसकी आवश्यकता ना रह जाए। विधि सचिव और एडवोकेट जनरल न्यायालय में लंबित मामलों की नियमित समीक्षा करें और यह देखें कि उन मामलों पर किस तरह तेजी से कार्रवाई कर उसे निष्पादित किया जा सकता है। इसी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामलों की नियमित समीक्षा नई दिल्ली में झारखण्ड भवन के स्थानिक आयुक्त तथा स्टैंडिंग काउंसिल मिलकर करें। मुख्यमंत्री ने उपरोक्त बातें विधि (न्याय), झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिया, सियाक तथा उनसे जुड़े मसलों के लिए खान एवं भूतत्व तथा उद्योग विभाग की समेकित समीक्षा बैठक में कही।
राज्य की निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में निवेशकों को किसी तरह की परेशानी ना हो। उद्योग और व्यापार लगाने वालों को निवेश करने वालों को एक टाइम लाइन के तहत् प्रदूषण क्लीयरेंस मिले। सभी संस्था आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें। सभी कार्य पारदर्शी, ऑनलाइन तथा एक टाइमलाइन के तहत हो। उन्होंने कहा कि आई टी के उपयोग से भ्रष्टाचार और बिचौलिया दूर हुआ है। किसी को कार्यालय आने या कार्यालय का चक्कर लगाने की जरूरत ना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। पर्यावरण सापेक्ष विकास हो, किंतु एक टाइमलाइन से सब बंधे रहें।
निवेशकों की समस्या दूर करें
आपस में समन्वय के लिए मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि प्रत्येक 15 दिन पर अर्थात महीने के दूसरे और चौथे सोमवार को एक कैंप लगेगा जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उद्योग और अन्य पक्ष एक साथ मिलकर निवेशकों की समस्याओं को दूर करेंगे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, अपर मुख्यसचिव के के खंडेलवाल, अपर मुख्य सचिव श्री इंदुशेखर चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सिया के चेयरमैन के एच काज़मी, सियाक के चेयरमैन श्री भावसिंगा, उद्योग सचिव श्री के रवि कुमार, खान एवं भूतत्व सचिव श्री अबुबकर सिद्दीख पी, झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन श्री एके रस्तोगी, बोर्ड के सदस्य सचिव श्री राजीव लोचन बख्शी सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे ।

