नई दिल्ली: हवा भी है रवां-रवां… कोरोना वायरस के चलते लागू हुए लॉकडाउन में वातावरण को लेकर यह गीत बड़ा ही सटीक बैठता है. लॉकडाउन से हमारी जिंदगी की रफ्तार जरूर थम गई, लेकिन इस दौरान हमें प्रकृति का एक अलग रूप देखने को मिला. देश के कई शहरों से हिमालय की श्रृंखला वाले पहाड़ नजर आने लगे और वातवरण में एक नई चमक आ गई. ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में यह दावा किया है कि लॉकडाउन से पांच भारतीय शहरों के प्रदूषण में भारी कमी दर्ज की गई है. शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में खतरनाक वायु प्रदूषण को करीब 54 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
अनुसंधानकर्ता ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई तथा हैदराबाद में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से वाहनों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले अति सूक्ष्म कणों पीएम 2.5 के स्तर का आकलन किया. अध्ययन में 25 मार्च से 11 मई तक के पीएम 2.5 कणों की तुलना पिछले पांच साल की इन्हीं अवधियों से की गई. इसमें पता चला कि इन सभी शहरों में इस बार वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ है.
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस अवधि में मुंबई में नुकसानदायक वायु प्रदूषणकारी तत्वों का स्तर 10 प्रतिशत कम हुआ, वहीं दिल्ली में यह 54 प्रतिशत तक कम हो गया. अन्य शहरों में प्रदूषण में कमी का स्तर 24 से 32 फीसदी के बीच रहा. भारतीय मूल के शोधकर्ता के नेतृत्व वाली ब्रिटिश वैज्ञानिकों की टीम ने वायु प्रदूषण की वजह से मृत्यु दर कम होने से आर्थिक बचत का आकलन किया. इसमें मालूम चला कि पीएम 2.5 का स्तर कम होने से जहां 630 लोग आसानी से बच गए, वहीं देश में स्वास्थ्य का खर्च 69 करोड़ रुपये बच गए.