नई दिल्ली : प्रो-कबड्डी लीग (पीकेएल) के सातवें सीजन के लिए यूपी योद्धा टीम के कप्तान बनाए गए डिफेंडर नितेश कुमार ने कहा है कि बतौर कप्तान उनके ऊपर कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ी मिलकर टीम को आगे ले जाने का काम करेंगे.
20 साल के नितेश इस सीजन में यूपी योद्धा टीम की कमान संभालते नजर आएंगे. उनसे पहले रेडर रिशांक देवाडिगा पिछले सीजन में टीम के कप्तान थे, जिनकी कप्तानी में टीम क्वालीफायर-2 में गुजरात फॉर्च्यून जायंट्स से हार गई थी.
Also Read This : सस्ता हुआ कच्चा तेल, प्रति बैरल 3 डॉलर तक पहुँचा
नितेश ने कहा, “बतौर कप्तान मेरे ऊपर अब ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ गई है. लेकिन यह एक टीम गेम है और जो भी खिलाड़ी इसमें खेल रहा है, उन सब की भी अपनी-अपनी जिम्मेदारी है. इसलिए मेरा मानना है कि टीम में किसी एक पर जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सभी खिलाड़ी सामूहिक रूप से टीम को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाएंगे.”
उन्होंने साथ ही कहा, “मुझे नहीं लगता है कि कप्तान बनाए जाने के बाद मेरे ऊपर कोई ज्यादा दबाव होगा क्योंकि मैंने शुरू से ही खुद को दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया है.”
नितेश ने छठे सजीन में शानदार प्रदर्शन किया था और 25 मैचों में कुल 101 अंक अर्जित किए थे. टीम को क्वालीफायर तक पहुंचाने में उनका बहुत बड़ा हाथ था. कोच अर्जुन सिंह को एक बार फिर से उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है.
इस सीजन को लेकर टीम की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर कप्तान ने कहा, “पहले की तुलना में इस बार टीम की तैयारी काफी अच्छी हुई है. कोचिंग कैम्प के दौरान हमने अपनी फिटनेस और स्किल्स पर काफी काम किया है. कैम्प के दौरान हमने अपनी गलतियों में सुधार किया है. मुझे उम्मीद है कि हमारी टीम पिछले साल से भी अच्छा करेगी.”
फ्यूचर कबड्डी हीरोज प्रोग्राम की खोज नितेश ने पांचवें सीजन में लीग में दस्तक दी थी. वह लीग के एक सीजन में 100 टैकल प्वाइंट हासिल करने वाले पहले डिफेंडर बने. उन्हें छठे सीजन का सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर भी चुना गया था.
नितेश ने यहां तक पहुंचने के अपने सफर के बारे में कहा, “कबड्डी मुझे अपने परिवार वालों से तोहफे के रूप में मिली है क्योंकि मेरे घर में अधिकतर लोग कबड्डी ही खेलते हैं. मैं एक मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर्स (एमवाईपी) के रूप में टीम से जुड़ा था.”
हरियाणा के कबड्डी खिलाड़ी ने आगे कहा, “इसके बाद से मैंने अपने खेल में काफी सुधार किया है और अनूप कुमार तथा अजय ठाकुर जैसे बड़े खिलाड़ियों से भी मैं बहुत कुछ सीख रहा हूं. अनूप सर की खासियत यह है कि वह किसी भी परिस्थिति में खुद को शांत रखते हैं और मैं भी खुद को ऐसा ही रखना चाहता हूं.”

