दिल्ली: भारतीय क्रिकेट का उभरता सुपरस्टार.टीम इंडिया का वो सेनानी जिसने अपने बल्ले के जोर पर ऑस्ट्रेलिया को ब्रिस्बेन में हार के मुंह में धकेला. वो नायक जिसने भारत के लिए इतिहास रचा. वो लड़ाका जो गाबा के एक छोर पर तब तक डटा रहा जब तक जीत सुनिश्चित नहीं हो गई. यकीनन ब्रिस्बेन की जीत के एक नहीं कई किरदार हैं. लेकिन, बाकियों के शुरू किए खेल को अंत करने का काम पंत ने किया.
ऑस्ट्रेलिया के किले पर जीत की आखिरी कील ठोकने वाले ऋषभ पंत के नाम की चर्चा एक बार फिर से सुर्खियों में है. एक बार फिर से उनकी तुलना धोनी से शुरू हो गई है. एक बार फिर उन्हें भारतीय क्रिकेट में धोनी (Dhoni) के विकल्प या यूं कहें कि उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, जब इन तमाम मुद्दों को लेकर पंत से सवाल किया गया तो उनका रिएक्शन थोड़ा अलग था.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में ऋषभ पंत ने धोनी से हो रही अपनी तुलना को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि, ” बेशक, अच्छा लगता है जब लोग एमएस धोनी से तुलना करते हैं. लेकिन मैं चाहता हूं कि लोग तुलना न करें. भारतीय क्रिकेट में मुझे अपना नाम बनाना है. मेरा फोकस इस पर है. और, वैसे भी एक युवा खिलाड़ी की तुलना धोनी जैसे महान खिलाड़ी से करना सही नहीं है. ”
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऋषभ पंत ने धोनी के बतौर विकेटकीपर बनाए सबसे तेज 1000 टेस्ट रन के भारतीय रिकॉर्ड को तोड़ा था. ये मुकाम उन्होंने ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में पहला रन बनाते हासिल किया था. इस पारी में पंत ने नाबाद 89 रन बनाते हुए भारत की जीत सुनिश्चित की थी. इससे पहले सिडनी में खेले तीसरे टेस्ट में जब मैच बचाने की नौबत आई थी तब भी पंत के बल्ले से चौथी इनिंग में 97 रन की बेमिसाल पारी निकली थी.