रांची
राज्य के खाद्य सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने मंत्रिमंडल के सहयोगी अमर बाउरी को पत्र लिख कर दखल की गयी संपत्ति से किसी को बेदखल करने को गैरकानूनी कहा है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि 13 अगस्त की शाम भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बैठक के उपरांत अनौपचारिक बातचीत हुई थी. बातचीत में समाचार पत्रों में प्रकाशित सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय की ओर आकृष्ट कराया था. यह निर्णय ‘‘प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत‘‘ के विषय में था.
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सर्वोच्च न्यायालय की प्रासंगिक पीठ का मानना है कि ‘‘कानून की उचित प्रक्रिया अपनाये बिना किसी संपति पर कब्जा रखने वाले व्यक्ति को कोई दूसरा व्यक्ति बेदखल नहीं कर सकता. कब्जे की 12 साल की अवधि बीत जाने पर उसे हटाने का अधिकार मूल मालिक का भी समाप्त हो जाता है. जिस व्यक्ति के पास संपति का कब्जा है उसे उस पर अधिकार, मालिकाना हक और स्वामित्व मिल जाता है, दखलकार को ही मिल जाता है.
उन्होंने लिखा है कि पूर्वी सिंहभूम जिला के मानगो नगर निगम एवं जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र के अंर्तगत ऐसे हजारों व्यक्ति हैं जो विगत 40-50 वर्षों से राज्य सरकार की भूमि पर घर बना कर रह रहे हैं. यह जमीन टाटा स्टील लि0 को लीज पर दी गई थी. ऐसे अनेक मामलों में तो अवैध कब्जा संबंधी विवरण कब्जाधारियों के खतियान में भी दर्ज है. संपत्ति विवाद नहीं रहने पर ‘‘प्रतिकूल कब्जे के सिद्धांत‘‘ के अनुसार 12 वर्ष से अधिक कब्जा रहने के बाद कब्जाधारी का स्वामित्व हो जाता है.
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अद्यतन प्रासंगिक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि किसी संपति पर 12 वर्ष से अधिक कब्जा रखने वाले किसी व्यक्ति को बेदखल कर दिया जाता है, तो उसका कब्जा फिर से लिया जा सकता है. इसके लिए न्यायालय में वाद दायर करने का पूरा अधिकार है. उन्होंने लिखा है कि मेरे द्वारा राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव को भी चर्या-टिप्पणी संख्या-2648 मंत्री कोषांग दिनांक 16.06.2019 के माध्यम से जानकारी मांगी थी. इस आधार पर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से जानकारी भी मांगी थी.