फलक शमीम
रांची : सावन महीने की पहली सोमवारी को लेकर मंदिरों और शिवालयों में विशेष तैयारी को अंतिम रुप दिया जा रहा है . शिवभक्तों के लिए यह महीना बेहद ख़ास होता है जिसमे वे बाबा भोले को प्रसन्न करने के लिए पूरे माह जलाभिषेक करेंगे हालांकि सावन के सोमवार का महत्व कुछ ज्यादा होता है. सावन माह की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है. इस महीने से व्रत और त्योहारों की भी शुरुआत हो जाती है. सावन का महीना शिव की अराधना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है.
भगवान शिव के अलावा यह महीना माता पार्वती की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस महीने में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें भोले बाबा की असीम कृपा मिलती है. जिसको लेकर राजधानी रांची के सभी शिवालयों में तैयारियां की जा रही है. फिलहाल हम बात कर रहे है रांची के पहाड़ी मंदिर की जंहा आने वाले सावन के पहली सोमवारी के लिए तैयारियां जोरों शोर से चल रही है. साफ सफाई , रंग रोगन से लेकर साज़ सज़्ज़ा का काम मंदिर में जारी है .
428 सीढ़ी ऊपर चढ़ कर शिवभक्त मंदिर पहुँचते है और पूरे श्रद्धा के साथ बाबा भोले के दर्शन करते है , भक्तो के माने तो कई भक्त निर्जल व फलाहारी व्रत रखकर भी बाबा के दर्शन के लिए मंदिर आते है. रांची में शिवभक्तों की आस्था का प्रतीक पहाड़ी मंदिर में सावन के सोमवार को काफी संख्या में शिवभक्त पहुँचते है जिसके मद्देनजर मंदिर कमिटी व प्रशासन शिवभक्तों के सहूलियत पर विशेष ध्यान रखती है . शिवभक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो जिसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है. आपको बता दें की पूजा अर्चंना के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार मंदिर मे दिखने लगती है .

