नई दिल्ली : दो सितंबर से दिल्ली विधानसभा में एक नया शोध केंद्र शुरू हो जाएगा. यह केंद्र सदन व राज्य सरकार को सिफारिशें प्रदान करने का काम करेगा. इसकी घोषणा विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने की. गोयल ने बताया कि विधायकों और अन्य स्टेकहोल्डर (हिस्सेदार) के उपयोग के लिए महत्वपूर्ण शोध और संदर्भ सामग्री के लिए इस केंद्र की स्थापना की जा रही है.
उन्होंने कहा, “यह विधायकों को उनके अनुरोध पर बेहतर शोध और संदर्भ सामग्री प्रदान करने में विधानसभा की मदद करेगा. ”
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दिल्ली सरकार ने शोध केंद्र के लिए 14 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, जिसकी कार्यप्रणाली विधानसभा भवन से ही चलेगी.
गोयल ने कहा, “कई वजहों से एक शोध केंद्र की आवश्यकता होती है। सरकार को नागरिकों के लिए क्या प्रदान करना चाहिए और इन सुविधाओं को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इसमें मदद मिलती है. ”
यह केंद्र अन्य विधानसभाओं और सरकारों के साथ-साथ देश के बाहर विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन करेगा.
उन्होंने बताया, “यह अन्य राज्यों और देशों में मौजूदा कानूनों और नीतियों का तुलनात्मक अध्ययन प्रदान करेगा. यह विधायकों, विभागों और अन्य हिस्सेदारों के उपयोग के लिए रिपोर्ट और संसाधन सामग्री भी प्रकाशित करेगा. ”
इसमें कला, संस्कृति, खेल, पर्यटन, शिक्षा और कौशल विकास, पर्यावरण, वित्त और कराधान, स्वास्थ्य, मानव संसाधन के साथ ही सरकारी विभागों में सुधार जैसे क्षेत्र शामिल होंगे. इसके अलावा इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, कानून और सार्वजनिक सुरक्षा, विधायी कार्य, नगरपालिका के काम से लेकर अन्य उपयोगी क्षेत्र भी शामिल होंगे.
गोयल ने कहा, “विधानसभा में हर बार नए विधायक चुनकर आते हैं. जब आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता में आई थी तो लगभग सभी विधायक राजनीति में पहली बार आने के साथ ही विधानसभा में भी पहली बार पहुंचे थे. आने वाले चुनाव में भी कुछ नए विधायक शामिल होंगे. शोध केंद्र में एक खंड ऐसा होगा, जो इन विधायकों को नियमों के साथ वे सभी जानकारियां प्रदान करने में मदद करेगा, जो वे चाहते हैं. “