चंडीगढ़: महिलाओं की सुरक्षा का लेकर सरकार ने एक अनोखी पहल की है .पंजाब सरकार ने देश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अनोखे तरीके से मनाने का फैसला किया है. आमतौर पर अंधेरा होने के बाद महिलाओं और लड़कियों को घरों से बाहर नहीं जाने देने जैसी रुढ़िवादी रिवायतों को चुनौती देते हुए सरकार सात और आठ मार्च की रात को प्रत्येक जिले में मुख्य सड़क का एक हिस्सा शाम 7 से रात 1 बजे तक महिलाओं और लड़कियों की विभिन्न गतिविधियों के लिए आरक्षित रखेगी.
इस संबंध में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार सड़कों और गलियों को महिलाओं व लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाने और आर्थिक गतिविधियों में उन्हें शामिल करने की इच्छुक है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सिर्फ इसी कारण रोजगार से नहीं रोका जाना चाहिए कि वह अंधेरा होने के बाद सफर नहीं कर सकतीं.
उन्होंने कहा कि इसीलिए विभाग ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की दावेदारी को नये तरीके से मनाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि शाम 7 से रात 1 बजे तक सभी जिला मुख्यालयों और बड़े शहरों में किसी एक मुख्य सड़क का 6 किलोमीटर हिस्सा महिलाओं और लड़कियों के लिए आरक्षित होगा.
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कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस सड़क पर दौड़, पैदल चाल, साइकिलिंग, नृत्य, मानवीय श्रृंखला, हस्ताक्षर मुहिम चलाकर ऐसे समाज के सृजन पर जोर दिया जाएगा, जिसमें किसी लड़की या महिला को शोषण या हमले का सामना न करना पड़े. इसके अलावा पूरी तरह सजाई गई इन सड़कों पर महिला उद्यमियों की उपलब्धियों को उजागर करने के अलावा फूड स्टाल भी लगाए जाएंगे.
चौधरी ने कहा कि अगर अंधेरा होने के बाद में काम, मनोरंजन या किसी अन्य उद्देश्य से कुछ महिलाएं गलियों या सड़कों पर निकलती हैं तो इसके साथ ही अन्य महिलाओं को भी सार्वजनिक स्थानों पर बिना किसी डर के खुलकर चलने-फिरने के लिए उत्साहित किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि अगर ऐसी गतिविधियां नियमित आधार पर करवाई जाएं तो इससे महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल सृजन करने में मदद मिलेगी.
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सभी डिप्टी कमिश्नरों, एसएसपी, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों, जिला प्रोग्राम अधिकारियों और स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास एवं स्थानीय निकाय महकमों के सभी जिला मुखियों को इन प्रोग्रामों में महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी यकीनी बनाने के लिए कहा गया है.
उन्हें कहा गया है कि वह शिक्षा संस्थाओं, प्राइवेट संस्थाओं के कर्मचारियों, कॉल सेंटरों के स्टाफ, डॉक्टरों, इंजीनियरों, अध्यापकों और समाज के लिए अन्य आदर्श हस्तियों की इन प्रोग्रामों में शामिल होने को यकीनी बनाएं. उन्होंने अपने विभाग के सभी जिला अधिकारियों को आदेश दिया कि इस पूरे प्रोग्राम का सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सीधा प्रसारण किया जाए. उन्होंने बताया कि इन प्रोग्रामों में संबंधित मंत्रियों, विधायकों और प्रमुख हस्तियां भी शामिल होंगी.
पुरुष सड़क के दोनों किनारों पर खड़े रह सकेंगे
अरुणा चौधरी ने बताया कि महिलाओं के लिए आरक्षित की गई सड़क के दोनों ओर ही पुरुष उपस्थित रह सकेंगे. सड़क पर केवल महिलाएं उतरेंगी. इस मौके पर पुरुष समाज अधिक संवेदनशील और सुरक्षित माहौल बनाने का योगदान देने का प्रण लेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा और मान-सम्मान के प्रति संवेदनशील है और इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं.