गिलोय “अमृता” एक अमृत : वनौषधि -1
बलवान् (शक्तिशाली) बनने के लिये गिलोय चूर्ण 10 तोला, गुड़ 10 तोला, मधु 16 तोला, घी 16 तोला लें। प्रथम ...
Read moreDetailsबलवान् (शक्तिशाली) बनने के लिये गिलोय चूर्ण 10 तोला, गुड़ 10 तोला, मधु 16 तोला, घी 16 तोला लें। प्रथम ...
Read moreDetailsप्रचलित नाम- सतमूली/सतावर प्रयोज्य अंग- कंद सदृश रस युक्त मूल तथा पत्राभास कांड। स्वरूप- विशाल घनी, अतिशाखीत, पत्र रहित, कंटकयुक्त ...
Read moreDetailsप्रचलित नाम- तालमखाना, कोकिलाक्ष, इक्षुगंधा। प्रयोज्य अंग- मूल, पत्र, बीज।स्वरूप- एक छोटा कंटक युक्त क्षुप जो नमी वाले स्थानों पर ...
Read moreDetailsप्रचलित नाम - जलब्राह्मी, नीर ब्राह्मी, जलनिम प्रयोज्य अंग- पंचांग । स्वरूप- मांसल लघु गुल्म, जो प्रसरण शील, तथा इनकी ...
Read moreDetailsप्रचलित नाम- हिंगोट/इंगुजा प्रयोज्य अंग- फल, बीज तथा तैल स्वरूप - 10-20 फूट ऊँचे वृक्ष वृक्ष, कंटकयुक्त, कांटे सीधे तथा ...
Read moreDetailsप्रचलित नाम- नीम प्रयोज्य अंग- पंचांग मूल की छाल, कांड की छाल, पत्र, पुष्प, फल (कच्चे तथा पके हुए) स्वरूप- ...
Read moreDetailsअतीस वनौषधि हिमालय पर 2000 से 5000 फुट की ऊंचाई पर पाया जाने वाला पौधा है। इसका ज्ञान हमारे आचार्यों ...
Read moreDetailsअदरक के समान दिखने वाला उसी की जाती का पौधा है कुलिंजन, इसे कुलंजन या महाभरी वच भी कहते हैं। ...
Read moreDetailsअकरकरा में कामेच्छा को बढ़ाने वाले गुण होते हैं। पुरुषों के लिंग विकारों में प्रयोज्य। प्रचलित नाम- अकरकरा वैज्ञानिक नाम ...
Read moreDetailsअपामार्ग के मूल को दूध में घिसकर मासिक ऋतु स्राव के समय सेवन कराने से पुत्र पैदा होता है। प्रचलित ...
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