रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि यह झारखंड राज्य के लिए चुनाव है. इस चुनाव में विषय और मुद्दे भी राज्य के होंगे. झारखंड के मान सम्मान और स्वाभिमान की बात होगी. 370, राष्ट्रवाद, मंदिर की बात करने वालों से हमारे गांवों के लोग पूछ रहे हैं कि स्कूल भी तो मंदिर हैं, उस क्यों बंद कर दिए. हमारी प्रतिबद्धता है कि गांव की सरकार बनी, तो झारखंड में जितने स्कूल बंद किए गए हैं, उन्हें पहले दिन खोले जायेंगे. मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी दोपहर के भोजन के हकदार हैं, इसलिए उनके लिए भी थाली सजायेंगे.
महतो ने आज लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र के किस्को में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी इस चुनाव में राज्य के विषयों और मुद्दों को सामने रखकर बड़ी लड़ाई के लिए निकल पड़ी है. लोहरदगा वीरों और आंदोलनकारियों की धरती है. लोहरदगा की धरती ने ही आजसू पार्टी को सींचा है. बच्चा-बच्चा इससे वाकिफ है. इसलिए हमारे और आपके विचार मिलते हैं. आंदोलनकारी कमलकिशोर भगत की पत्नी नीरूशांति भगत को वोट देकर जीत दिलायें, वे बहू बेटी के तौर पर आपकी सेवा करेगी.
महतो ने कहा कि हम आलोचना और निंदा की राजनीति में विश्वास नहीं करते. लेकिन जब दिल को और राज्य की जनता की जमीर की बात सामने आती है, तो किसी से भी ठन जाती है. लोहरदगा को ही लेकर हमारी लड़ाई ठनी है. वे लोहरदगा छोड़ने को कह रहे थे. हमने कहा, यह हो नहीं सकता. आड़ पर बैठकर हम तमाशा नहीं देख सकते. लड़ाई के मैदान में शहीद होना पसंद है.
इसलिए किस्को और लोहदगा की जनता उन्हें खारिज करें, जो अचानक दल बदल कर वोट मांग रहे हैं. पंद्रह साल तक जिन्हें कोसते थे, उनके साथ गले लग गए हैं. जबकि कांग्रेस से जो शख्स चुनाव लड़ रहे हैं वे लालू राज में आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाते थे. तब वे पुलिस अधिकारी थे. झारखंड में अब जनसाधारण राज करेगा. वह शासन का हकदार होगा. अफसर आम आदमी के दरवाजे पर जाएंगे. अब दारोगा राज नहीं जनता का राज चलेगा.
आजसू प्रमुख ने कहा कि पारा शिक्षक, मदरसों के टीचर, दिहाड़ी मजदूर कम पैसों पर सेवा देते हैं. 25 पैसे थाली पर रसोईया दीदी चूल्हा फूंकती है. गांव की सरकार बनेगी, तो ये तस्वीर बदल कर दिखा देंगे. हमें पता है कि पारा शिक्षक, सहिया, रसोईया, सेविका सब गांव के लोग हैं, और सत्ता में उन्हें आखिरी कतार का बना कर रख दिया गया है.
महतो ने कहा कि झारखंड अकेला वह जमीन है, जहां चौपाल और गांव के फैसले की कद्र होती है. लोगों के लिए वही सबसे ज्यादा अहम होते हैं. लेकिन सत्ता और सिस्टम ने हमारी उस अहमियत को हाशिये पर ला खड़ा किया है. महात्मा गांधी के विचारों और अवधारणा की सच्ची छवि स्वराज में ही देखी जा सकती है, तो उस अवधारण को हम झारखंड में कायम करेंगे. आइए इस परंपरा को मजबूत करने के लिए गांव की सरकार बनाइए.
महतो ने कहा कि हमने तय किया है कि आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देंगे. आंदोलन में गीत, कथा लिखने वालों को सम्मान देंगे. मधु मंसूरी भी सम्मान के हकदार होंगे. नदियों को जोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि खेत ही हमारे जीने का आधार है. खेत तो बढ़ते नहीं, लेकिन पेट जरूर बढ़ रहे हैं. इसलिए पीने का पानी और सिंचाई का पानी देना हमारा संकल्प है.