रांची: रांची जिला बल में तैनात एक दारोगा, एक जमादार और 7 जवान के खिलाफ एसएसपी अनीश गुप्ता ने बड़ी कार्रवाई की है. सभी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. दारोगा अरुण सिंह को 23 अक्टूबर 2018 को कांके रोड स्थित जज कॉलोनी के पास से 7 हजार रुपया घूस लेते गिरफ्तार किए जाने के मामले में एसएसपी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की है. वहीं, 7 मार्च 2017 को नाला रोड निवासी दिलशान मोइन से पैसा लेते पकड़े गए, जमादार कृपुस कुजूर को भी बर्खास्त कर दिया गया है.
ड्यूटी से फरार और स्थानांतरित होने पर योगदान नहीं देने पर जवानों पर कार्रवाई
इधर रांची जिला बल में तैनात 7 जवानों को भी बर्खास्त कर दिया गया है. पांच पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी से फरार रहने और दो पुलिसकर्मियों पर स्थानांतरित जिला बल में निर्धारित समय पर योगदान नहीं देने के आरोप में कार्रवाई की गई है. जमादार संजय कुमार सिंह और प्रहलाद शाह को वरीय पदाधिकारी के आदेश काव्य खेलना करने और कांड का अनुसंधान में लापरवाही बरतने के आरोप में एक वर्ष के लिए क्रमशः जमादार से हवलदार और जमादार से आरक्षी की कोटी में प्रत्यावर्तित किया गया है.
अलग-अलग पदाधिकारियों ने की सभी आरोपों की जांच
बर्खास्त जवान पिछले काफी समय से अपनी ड्यूटी से फरार थे और स्थानांतरित जिला बल में भौतिक रूप से प्रस्थान नहीं कर रहे थे. इसके बाद अलग-अलग पदाधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था. जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद सभी के खिलाफ एसएसपी ने कार्रवाई की और उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया. आरक्षी रणधीर कुमार के खिलाफ पुलिस निरीक्षक मधुसूदन प्रसाद सिंह, आरक्षी प्रेम कुमार, शशि कुमार, सुनील बारला व परमधारी तुरी के खिलाफ तत्कालीन सीसीआर डीएसपी तुषार कांत झा, आरक्षी अमित बाड़ा के खिलाफ पुलिस निरीक्षक हेलन सोय और आरक्षी रोबर्ट बारला के खिलाफ पुलिस निरीक्षक विजय सिंह ने रिपोर्ट सौंपी थी. इन्हीं पुलिस पदाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है.
सुनील बारला ने स्थानांतरित होने के बाद कोडरमा में और अमित ने गढ़वा जिला बल में नहीं दिया था योगदान
सुनील बारला का रांची जिला बल से कोडरमा जिला बल में योगदान देने का आदेश दिया गया था. स्थानांतरण आदेश मिलने के बाद भी सुनील ने आदेश का पालन नहीं किया और भौतिक रूप से कोडरमा जिला बल में लंबे समय तक योगदान नहीं दिया. आरक्षी अमित बाड़ा को रांची जिला बल से स्थानांतरित करते हुए गढ़वा जिला बल में भौतिक रूप से योगदान देने का निर्देश दिया गया था. अमित ने भी आदेश को नजरअंदाज करते हुए गढ़वा जिला बल में योगदान नहीं दिया. इसके बाद दोनों के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था. जांच रिपोर्ट मिलते ही दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.
किन जवान पर कब से चल रहा था मामला
बर्खास्त जवान रणधीर कुमार के खिलाफ 10 मई 2014 से मामला चल रहा है. वह 30 जून 2017 को दोषी पाया गया.
प्रेम कुमार के खिलाफ 17 जुलाई 2013 से मामला चल रहा था. वह 29 अगस्त 2018 को दोषी पाया गया.
शशि कुमार के खिलाफ 4 मार्च 2010 से, सुनील बारला के खिलाफ 1 जुलाई 2015 से, परमधारी तूरी के खिलाफ 21 मार्च 2013 से व अमित बाड़ा के खिलाफ 1 जून 2012 से मामला चल रहा था.
वहीं, रॉबर्ट बारला के खिलाफ 28 मार्च 2013 से मामला चल रहा था.
जांच रिपोर्ट में सभी को दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई.