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यूपी पुलिस खोलेगी विश्वविद्यालय, PAC में बनेगी महिला बटालियन

by bnnbharat.com
August 24, 2019
in समाचार
यूपी पुलिस खोलेगी विश्वविद्यालय, PAC में बनेगी महिला बटालियन

UP Police to open university, women's battalion to be formed in PAC

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लखनऊ देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की परेशान हाल पुलिस के दिन अब सुधरने वाले हैं. योगी सरकार ने जनहित में राज्य पुलिस पर खुलकर खर्च करने की ठानी है. इसी क्रम में सबसे पहले राज्य के दो शहरों में करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से डीएनए जांच की दो बड़ी प्रयोगशालाएं खोलने को अंतिम रूप दिया जा चुका है. इसके अलावा निकट भविष्य में जल्द ही राज्य का अपना पुलिस और विधि विज्ञान विश्वविद्यालय भी होगा.

इतना ही नहीं, सरकार ने उत्तर-प्रदेश पीएसी में पहली बार तीन महिला बटालियन बनाने की प्रक्रिया को भी अमली जामा पहना दिया है. पीएसी की इन तीन बटालियनों के विधिपूर्वक गठित होते ही तीन हजार महिला पुलिस-कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया जोर-शोर से शुरू हो जाएगी.

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सूबे के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा, “इन तीनों ही योजनाओं पर दिन-रात काम चल रहा है. राज्य में फिलहाल दो स्थानों पर डीएनए प्रयोगशाला बनाई जा रही है. पहली बनारस में और दूसरी आगरा में. एक प्रयोगशाला के निर्माण पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.” इतने बड़े राज्य में सिर्फ दो डीएनए प्रयोगशाला, वह भी एक बनारस में दूसरी आगरा में, दोनों के बीच इतनी दूरी आखिर क्यों?

कभी केंद्रीय औद्योगिक बल के महानिदेशक रह चुके सिंह ने कहा, “आबादी के नजरिए से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, पुलिस बल की तादाद भी काफी है. डीएनए प्रयोगशाला की जरूरत पूरे सूबे की पुलिस को है. लिहाजा, इसका फायदा शुरुआती दौर में पूरे राज्य की पुलिस को मिल जाए, ताकि राज्य में सजा का प्रतिशत बढ़ाया जा सके. साथ ही एक डीएनए प्रयोगशाला पश्चिमी उत्तर प्रदेश (आगरा), जबकि दूसरी पूर्वी उत्तर प्रदेश (बनारस) के पुलिसकर्मियों के लिए मददगार साबित हो सके. इस बात को ध्यान में रखकर ऐसा किया गया है.”

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, दोनों प्रयोगशालाएं (डीएनए) 2019 के अंत तक काम करने लगेंगी. इन दोनों डीएनए प्रयोगशालाओं में जांच की अन्य सुविधाएं, मसलन फॉरेंसिक साइंस इत्यादि भी उपलब्ध होंगी?

सिंह ने कहा, “जी हां.. हमारी हरसंभव कोशिश होगी कि काफी कुछ विधि-विज्ञान संबंधी जांच की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मुहैया करवाई जाए, ताकि पुलिसकर्मियों का श्रम-समय और सरकारी धन तीनों को बचाया जा सके.” उल्लेखनीय है कि देश में फिलहाल गुजरात इकलौता ऐसा राज्य है, जहां की पुलिस के पास अपनी डीएनए और विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री) है. बनारस और आगरा में दो अलग-अलग डीएनए और फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशालाएं खुलने के साथ ही उत्तर प्रदेश देश का पहला दो डीएनए प्रयोगशाला वाला राज्य बन जाएगा.

सिंह ने राज्य में दो डीएनए प्रयोगशालाएं खुलने अन्य लाभ गिनाए, “डीएनए और विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं खुलने से खासकर पॉक्सो एक्ट के तहत अदालतों में लंबे समय से विचाराधीन मामलों में सजा का अनुपात एकदम ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है.”

आबादी के नजरिए से देश के सबसे बड़े राज्य के पुलिस बल के लिए सूबे की सरकार ने और भी कुछ योजनाएं बनाई थी, जो ठंडे बस्ते में पड़ी हैं. इस बारे में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सिंह ने कहा, “नहीं, यह आरोप बेबुनियाद है. कम से कम खुद के मेरे पुलिस महानिदेशक कार्यकाल में तो यह आप नहीं कह सकते कि पुलिस विभाग के उत्थान की तमाम योजनाएं ठंडे बस्ते में हैं. राज्य सरकार ने पुलिस उत्थान के क्रम में ही सूबे में पहली बार पीएसी जैसे राज्य के मजबूत बल की तीन महिला बटालियन बनाने को मंजूरी दे दी है. मंजूरी क्या, समझिए यह काम भी अंतिम चरण में है.”

उन्होंने कहा, “पीएसी में तीन महिला बटालियन के गठन पर करीब डेढ़ अरब रुपये (150 करोड़ रुपये) लागत का अनुमान है. प्रति बटालियन एक हजार के हिसाब से तीन बटालियन में करीब तीन हजार महिला पुलिसकर्मियों (पीएसी में) के नए पद भी राज्य की सरकारी सेवा के लिए सृजित किए जाएंगे.”

उल्लेखनीय है कि राज्य में भले ही पॉक्सो-एक्ट के तहत सजा के मामलों का प्रतिशत पांच गुना ऊपर चढ़ा हो, लेकिन सजा के जिस अनुपात की उम्मीद अमूमन की जाती है, उत्तर प्रदेश पुलिस उसमें अब भी काफी हद तक पीछे है.

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, राज्य में दो विधि-विज्ञान और डीएनए प्रयोगशालाएं बनने से पुलिसकर्मियों को तो जांच-पड़ताल में सहूलियत होगी ही, राज्य में सजा की दर भी बढ़ेगी.

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