BnnBharat | bnnbharat.com |
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य
No Result
View All Result
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य
No Result
View All Result
BnnBharat | bnnbharat.com |
No Result
View All Result
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य

उप्र : यमुना एक्सप्रेस वे बना मौत का राजमार्ग, अबतक 8191 जिंदगियां खत्म

by bnnbharat.com
July 8, 2019
in Uncategorized
उप्र : यमुना एक्सप्रेस वे बना मौत का राजमार्ग, अबतक 8191 जिंदगियां खत्म

उप्र : यमुना एक्सप्रेस वे बना मौत का राजमार्ग, अबतक 8191 जिंदगियां खत्म

Share on FacebookShare on Twitter

 लखनऊ, 8 जुलाई :जिस यमुना एक्सप्रेस वे पर लड़ाकू विमान उतार कर इसे उत्तर प्रदेश की शान बताया जाता रहा है, वही एक्सप्रेस वे एक खूनी राजमार्ग के रूप में तब्दील हो चला है। राजमार्ग के उद्घाटन की तिथि नौ अगस्त, 2012 से लेकर 31 जनवरी, 2018 तक इस एक्सप्रेस वे पर लगभग 5,000 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और इन दुर्घटनाओं में 8,191 जिंदगियां समाप्त हो चुकी हैं। यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन के जरिए सामने आई है। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है, जब सोमवार को ही इस राजमार्ग पर एक भीषण दुर्घटना में 29 लोगों की मौत हो गई और 22 अन्य घायल हो गए हैं।

गैर सरकारी संगठन सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से एक आरटीआई आवेदन के जरिए हासिल जानकारी के अनुसार, राजमार्ग के चालू होने के समय से जनवरी 2018 तक इस पर घटी कुल 5,000 दुर्घटनाओं में 703 भीषण दुर्घटनाएं थीं और इनमें 2,000 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

सेव लाइव फाउंडेशन ने आईएएनएस को बताया, “यमुना एक्सप्रेस वे पर वर्ष 2012 में नौ अगस्त से लेकर साल के अंत तक कुल 275 दुर्घटनाएं घटी थीं, जिसमें 424 लोगों की जान चली गई थी, और 33 लोग अत्यंत गंभीर रूप से घायल हुए थे, 87 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, 304 लोगों को हल्की चोटें आई थीं।”

इसी प्रकार 2013 में इस राजमार्ग पर कुल 896 दुर्घटनाएं घटीं, जिनमें 1463 लोग काल के गाल में समा गए थे, 118 लोग अति गंभीर रूप रूप से घायल हुए, 356 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि 989 लोगों को हल्की चोटें आई थीं। वर्ष 2014 में कुल 771 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1462 लोग मारे गए, जबकि 127 लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, 371 गंभीर रूप से घायल हुए, और 964 लोगों को हल्की चोटें आईं थीं।

वर्ष 2015 में दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 919 हो गई, जिनमें 1535 लोगों की मौत हुई थी, और 143 लोग अति गंभीर रूप से घायल हो गए थे, 403 गंभीर रूप में घायल हुए थे, जबकि 989 लोगों को हल्की चोटें आईं थीं।

इसी तरह, 2016 में दुर्घटनाओं की संख्या और बढ़ गई। कुल 1219 दुर्घटनाओं में 1657 लोग मारे गए थे, और 133 लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, 421 गंभीर रूप से घायल हो गए, तथा 1103 लोगों को हल्की चोटें आई थीं।

आंकड़े के अनुसार, 2017 में हालांकि दुर्घटनाओं में थोड़ी कमी आई, मगर मृतकों की संख्या बढ़ गई। कुल 763 दुर्घटनाओं में 1572 लोग मारे गए, और 145 लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, 407 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, और 1020 लोगों को हल्की चोटें आईं थीं।

वर्ष 2018 के जनवरी महीने में कुल 37 दुर्घटनाएं घटीं, जिनमें 78 लोग मारे गए, और चार लोग अति गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, और 54 लोगों को हल्की चोटें आई थीं।

दुर्घटनाओं के इस पूरे आंकड़े को देखा जाए तो इस राजमार्ग के उद्घाटन के बाद से दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या में लगभग हर साल वृद्धि हो रही है। सिर्फ 2014 और 2017 में वृद्धि के क्रम थोड़ा विराम रहा है।

सेव लाइफ फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीयूष तिवारी ने आईएएनएस से कहा, “हमारे राजमार्गो पर प्रवर्तन में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। तकनीकी स्तर के अलावा अन्य कई मुद्दों पर जरूरी कार्रवाई आवश्यक है। हमारे अधिकांश राजमार्गो पर दुर्घटना अवरोधकों और अन्य बुनियादी ढांचों की कमी है, जो किसी दुर्घटना को घातक बनने से रोक सकते हैं। यह एक महामारी है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।”

उल्लेखनीय है कि इस यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है। आगरा के थाना एत्मादपुर में सोमवार तड़के एक बस दुर्घटना में उसमें सवार 29 यात्रियों की मौत हो गई, और 22 अन्य घायल हो गए।

इस मुद्दे को सपा नेता रामगोपाल यादव ने राज्यसभा में उठाया, जिसके जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है, और उन्होंने प्रदेश सरकार से दुर्घटनाएं रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।

गडकरी ने कहा, “यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसों में कई लोग जान गंवा चुके हैं। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम बहुत लंबे समय से संसद में लंबित है। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में उप्र अभी भी शीर्ष पर है।”

उन्होंने कहा, “मुद्दा यह है कि हर तीसरे ड्राइवर के पास फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस है, लेकिन हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं। सरकार पांच साल से मोटर वाहन संशोधन विधेयक लेकर आ रही है, लेकिन वह पास नहीं हो पा रहा है। मेरी अपील है कि इस विधेयक को पास करने में सहयोग करें।”

गौरतलब है कि छह लेन का यमुना एक्सप्रेस वे ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है। 165 किमी लंबे इस राजमार्ग के निर्माण पर 128.39 अरब रुपये की लागत आई थी। राजमार्ग का उद्घाटन नौ अगस्त, 2012 को उप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। भारतीय वायुसेना ने 21 मई, 2015 को इस राजमार्ग पर राया गांव के पास फ्रांस निर्मित दॉसो मिराज-2000 लड़ाकू विमान उतारा था, जो किसी राजमार्ग पर किसी लड़ाकू विमान के उतारे जाने की पहली घटना थी। अखिलेश यादव इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बताते रहे हैं।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on X (Opens in new window)

Like this:

Like Loading...

Related

Previous Post

निवेश करने वालों को एक टाइम लाइन के तहत् प्रदूषण क्लीयरेंस मिले: मुख्यमंत्री

Next Post

बस हादसा मामले में योगी आदित्यनाथ ने दिए जांच के आदेश

Next Post
बस हादसा मामले में योगी आदित्यनाथ ने दिए जांच के आदेश

बस हादसा मामले में योगी आदित्यनाथ ने दिए जांच के आदेश

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Privacy Policy
  • Admin
  • Advertise with Us
  • Contact Us

© 2025 BNNBHARAT

No Result
View All Result
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य

© 2025 BNNBHARAT

%d