नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025 – बहुत ही अचानक, भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दिया। उन्होंने कहा है कि “चिकित्सीय मार्गदर्शन” और “स्वास्थ्य को प्राथमिकता” देने के लिए यह निर्णय आवश्यक हो गया था ।
🩺 स्वास्थ्य हालात के संकेत
74 वर्षीय धनखड़ ने पहली बार मार्च में दिल की समस्या के चलते AIIMS, दिल्ली में एंजियोप्लास्टी करवाई थी। उन्हें 9 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 12 मार्च को छुट्टी मिली ।
जून में, नैनिताल में कुबॉन विश्वविद्यालय के समारोह के दौरान उन्होंने बेहोशी का अनुभव किया, जिसे तुरंत प्राथमिक चिकित्सा के जरिए नियंत्रित किया गया ।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन—जिसमें वे राज्यसभा की अध्यक्षता भी कर रहे थे—उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया, जो आंकड़ों और समय की दृष्टि से बेहद अप्रत्याशित था ।
🏛️ राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रियाएँ
इस अचानक इस्तीफे से संसद में हलचल मच गई। विपक्ष को विश्वास था कि उनका कार्यकाल फिलहाल जारी रहेगा, और वे अगले दिन कई महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करने वाले थे ।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे “चौंकाने वाला और मुश्किल से समझ आने वाला” करार दिया, क्योंकि उन्होंने इस्तीफे से पहले धनखड़ से बातचीत की थी ।
अन्य विपक्षी आवाज़ों ने सवाल उठाए कि क्या सरकार के शीर्ष स्तर पर उनकी सेहत या राजनीतिक वजहें गुपचुप छिपी हैं ।
🔍 विलक्षण घटनाएं इतिहास में
केवल दो बार—1969 में वी. वी. गिरी और 1987 में आर. वेंकटरमण—भारत के पहले उपराष्ट्रपति ने कार्यकाल पूरा न करके इस्तीफा दिया था। धनखड़ का इस्तीफा इसे एक दुर्लभ घटना बनाता है ।

