रांचीः चाईबासा में हुए आईईडी ब्लास्ट में शहीद सिमडेगा के लाल किरण सुरीन का पार्थिव शरीर शुक्रवार को तिरंगे में लिपटा हुआ उनके गांव पहुंचा। कोलेबिरा के गोबरधंसा में शहीद का शव पहुंचते ही पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। शहीद के स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, शहीद की पत्नी ग्रेस सुरीन ने इस घटना को कायराना बताते हुए कहा कि नक्सली इस तरह की घटना को अंजाम देना बंद करें। आखिर वे अपने ही भाइयों का खून क्यों बहा रहे हैं, उन्हें क्यों मार रहे हैं? इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। किसी का घर-सुहाग उजाड़कर नक्सलियों को क्या मिलेगा। शहीद की पत्नी ने सूबे की सरकार से भी अपील की है कि है कि वह नक्सल समस्या का उन्मूलन करें.
इससे पहले इस घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में मातम का माहौल हो गया। जैसे ही शहीद का शव गांव पहुंचा। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों पहुंचने लगे। इधर, तिरंगे में लिपटे बेटे को देख मां ग्लेडी सुरीन और पत्नी ग्रेस सुरीन स्तब्ध है। उन्हें सहज विश्वाश नही हो रहा है कि उनका बेटा अब नहीं है। वे बार-बार अपने बेटे को याद कर रोते रहे थे। शहीद की पत्नी ने कहा पति वीर गति को प्राप्त हुआ, यह गर्व की बात है पर उसका तो सबकुछ छीन गया है। वहीं शहीद की मां ने कहा उनका बेटा देश के लिए शहीद होकर उनका नाम रोशन किया है। इधर, शहीद के शव का अंतिम संस्कार उनके गांव में ही करने की तैयारी की जा रही है.