पश्चिम बंगाल : दार्जिलिंग नगर निगम के 30 में से 17 पार्षदों के शनिवार को भाजपा में शामिल होने के बाद इस पर अब भाजपा का कब्जा हो गया है। लोकसभा चुनाव के बाद से पश्चिम बंगाल की है तीसरी नगर निगम है जो अब भाजपा द्वारा शासित होगी। इससे पहले भाटपारा और नईहाटी नगर निगम पहले ही भाजपा के कब्जे में आ चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां भाजपा के निर्वाचित मेयर को नियुक्त करने के बजाय प्रशासक बैठा दिया है। राज्य सरकार ने दलील दी है कि चूंकि जल्द ही स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं, इसलिए इन दोनों नगर निगमों में महापौर की नियुक्ति अनावश्यक है।
कभी ममता बनर्जी के दाहिने हाथ रहे राज्यसभा सांसद मुकुल राय की उपस्थिति में इन पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। लेकिन इनमें से एक भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल नहीं हुआ। यह सभी भाजपा के सहयोगी दल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सदस्य थे। लेकिन चूंकि मोर्चा के विमल गुरुंग और रोशन गिरी जैसे वरिष्ठ नेता हत्या के एक मामले में वांछित हैं और वे गोरखालैंड में प्रवेश नहीं कर सकते, इसलिए इन पार्षदों को भाजपा के राजनीतिक संरक्षण की जरूरत थी।
फिलहाल दार्जिलिंग नगर निगम के महापौर तृणमूल समर्थक विनय तमांग हैं। देखना होगा कि ममता बनर्जी यहां किसी अन्य को महापौर बनने देंगी या फिर दार्जिलिंग में भी प्रशासक की नियुक्ति करेंगी।