लखनऊ: तेज रफ्तार कार ने निगोहां के मस्तीपुर गांव में हाइवे किनारे गुमटी पर बैठे चार लोगों को अपना शिकार बना लिया. इस हादसे में सगे भाई-बहन की मौत हो गई, जबकि एक किशोरी और बच्ची को काफी चोटें आईं. आक्रोशित ग्रामीणों ने हाइवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन व हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस से उनकी तीखी झड़प व धक्का-मुक्की हुई, जिससे हालात बेकाबू हो गए. ग्रामीणों ने पथराव कर पुलिस को खदेड़ दिया. दो घंटे के उपद्रव के दौरान कई बार पथराव हुआ. इसमें कई घायल भी हुए.
एसपी ग्रामीण आदित्य व तहसीलदार ने मुआवजा, कार चालक पर कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया. पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है. उसके मुताबिक हादसा मवेशी से बचने के चक्कर में हुआ. एसपी ग्रामीण ने बताया कि घटना दोपहर करीब दो बजे राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर हुई. दिव्यांग सुखराम हाइवे किनारे नाले के ऊपर परचून की गुमटी लगाता है. दोपहर को गुमटी पर उसकी 22 वर्षीय बेटी रीना, 18 वर्षीय बेटा कुलदीप के साथ ममेरी बहन 15 साल की आंचल व दो साल की भतीजी आयुषी बैठे थे.
इसी दौरान रायबरेली की ओर जा रही तेज रफ्तार कार नाले पर चढ़ गई और गुमटी को जोरदार टक्कर मार दी. इससे चारों जख्मी हो गए. अस्पताल में रीना और कुलदीप ने दम तोड़ दिया. गुस्साए लोगों ने कार चालक की जमकर पिटाई कर दी. पुलिस ने उसे छुड़ाकर थाना भेजा. इसके बाद ग्रामीणों ने हाइवे जाम कर दिया. पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो हाथापाई करने लगे.
कुछ लोगों ने ईंटें, गिट्टियां उठाकर फेंकना शुरू कर दिया. पथराव से कई वाहनों के शीशे टूट गए. जवाब में पुलिस ने भी पत्थर चलाए. करीब दो घंटे तक अराजकता रही. एसपी आदित्य लंगहे और तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह ने माहौल नियंत्रित किया. एसपी ने बताया कि कार चालक पर केस दर्ज कर लिया गया है. कार का रजिस्ट्रेशन जौनपुर के इमरान परवेज के नाम पर है. कार चला रहे मोहम्मद परवेज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अधिक गति से छूटा कार से नियंत्रण
मोहम्मद परवेज ने बताया कि वह रायबरेली की तरफ जा रहा था कि तभी मस्तीपुर गांव के पास मवेशी सड़क पर आ गया. टक्कर से बचने के लिए स्टेयरिंग मोड़ी, लेकिन कार की गति कुछ ज्यादा होने से वाहन अनियंत्रित हो गया.
इसी साल उठनी थी बेटी की डोली
बेटी का शव देख सुखराम और उसकी पत्नी चंद्रकला फूट पड़े. बताया कि चार बेटों संदीप, कुलदीप, सचिन और शुभम हैं, जबकि रीना एकलौती बेटी थी. इसी साल उसकी शादी की तैयारी चल रही थी. क्या पता था कि उसकी डोली की जगह अर्थी को कंधा देना पड़ जाएगा.