कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि उनकी सरकार राज्य भर में 10 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देती है. उन्होंने ट्वीट किया है कि यह लिखा है कि मैं उन लोगों को याद कर रहा हूं जो 1959 में खाद्य आंदोलन के दौरान शहीद हो गए थे. आज बंगाल में हमारी सरकार ने “फूड पार्टनर” योजना के तहत लगभग 10 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया है. महामारी को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने जून 2021 तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में आंदोलनों में खाद्य आंदोलन का महत्वपूर्ण स्थान है. 31 अगस्त 1959 को, पुलिस ने भोजन आंदोलन में शामिल वामपंथी नेताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया. तब यहां कांग्रेस की सरकार थी. उस समय, कोलकाता में एक विशाल जुलूस पर पुलिस कार्रवाई में 80 लोग मारे गए थे. उसके बाद पश्चिम बंगाल में वाम आंदोलन तेज हो गया. खाद्य आंदोलन में 80 लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं गई.
लंबे आंदोलन के बाद, अंततः 1977 में, ज्योति बसु के नेतृत्व में राज्य में एक वाम मोर्चे की सरकार बनी, जो 34 वर्षों तक लगातार चली. इसका उदाहरण देश और दुनिया के संसदीय इतिहास में नहीं मिलेगा. इतने लंबे समय तक राज्य में वाम शासन अपने आप में एक इतिहास है. 50 के दशक के अंत में, जब खाद्य आंदोलन में 80 लोग शहीद हो गए, तो यह केवल 12 साल की स्वतंत्रता थी. उस समय इस आंदोलन ने देश भर में सुर्खियां बटोरीं.