जम्मू: ड्राविंग करते वक्त मोबाइल पर बात करना अक्सर जानलेवा साबित होता है. पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर वीडियो कोच बस चला रहा ड्राइवर मोबाइल पर बात कर रहा था रफ्तार भी ज्यादा थी. उसे टोका भी गया लेकिन वह नहीं माना. कई सवारियों को बस की रफ्तार ने पहले ही डरा दिया था. घायलों के मुताबिक रास्ते में जब ड्राइवर को रफ्तार कम करने को कहा गया तो वह नहीं माना. कई सवारियों ने डर के मारे नौशेरा पुल पर किराया वापस लिया और बीच रास्ते उतर दूसरी बस पकड़ ली. इसके कुछ ही देर बाद बस गहरी खाई में जा गिरी. बस कई पलटे खाती हुई नीचे गिरी और बीच में मौजूद सवारियों की चीख-पुकार मची हुई थी.
उपजिला अस्पताल सुंदरबनी में उपचार के लिए लाए गए घायलों ने बताया कि सुरनकोट से चलने के बाद से ही बस चालक तेज रफ्तार से बस चला रहा था रास्ते में कई बार दूसरे वाहनों को ओवरटेक किया. दो तीन बार तो हादसा होते-होते बचा था.
उधर, बस के खाई में गिरने पर आसपास के लोग जमा हो गए. फौरन सभी खाई में उतरते गए. नीचे उतरे तो बस के परखच्चे उड़ चुके थे. कुछ शव झटका लगने से बाहर आ गिरे थे, बाकी के अंदर फंसे हुए थे. एक यात्री का तो सिर ही धड़ से अलग हो गया. लोगों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक टीमें भी मौके पर पहुंच गईं.
नौशेरा के लंबेड़ी के पास हुए हादसे का बड़ा कारण ओवरलोडिंग और रैश ड्राइविंग बताई जा रही है. पता चला है कि वीडियो कोच बस 42 सीटर थी लेकिन उसमें 60 से 65 यात्री भर रखे थे. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस की रफ्तार काफी तेज थी. तीखे मोड़ पर ड्राइवर काबू नहीं रख पाया और बस बेकाबू होकर खाई में जा गिरी.
हादसे के दौरान एक वाक्या पेश आया जो किसी करिश्मे से कम नहीं है. जाको राखे साइयां मार सके न कोई बस जब खाई में गिरी तो उसमें तीन माह का बच्चा भी था. पलटियां खाने के दौरान वह बस से निकलकर पेड़ पर अटक गया. हैरानी इस बात की है कि बच्चे को खरोंच तक नहीं आई. गनीमत ये रही कि हादसे में बच्चे की मां भी बच गई. हालांकि वह भी जख्मी है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
चर्चा ये भी है कि हादसे में चालक की मौत हो चुकी है लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की.