रांचीः बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए ने एक बार फिर पूर्णबहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है, लेकिन जेडीयू को बड़ा झटका लगा है. बिहार में नीतीश कुमार एनडीए में एक तरफ छोटे भाई की भूमिका में आ गए हैं तो वहीं, नीतीश सरकार के 10 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है.
जेडीयू कोटे के 14 मंत्री चुनावी रण में उतरे थे, जिनमें से 6 जीत सके और 8 को हार का सामना करना पड़ा है जबकि बीजेपी कोटे के 10 मंत्री चुनाव लड़े थे, जिनमें से 8 को जीत मिली है और 2 को हार झेलनी पड़ी है.
इन्हें मिली हार
जय सिंहः दिनारा विधानसभा सीट से नीतीश सरकार के सहकारिता मंत्री जय सिंह को आरजेडी के विजय मंडल ने करारी शिकस्त दी है. दिनारा सीट पर आरजेडी के विजय मंडल को 59541 वोट मिले हैं जबकि एलजेपी प्रत्याशी राजेंद्र सिंह को 51313 वोट मिले हैं. वहीं, जेडीयू प्रत्याशी जय सिंह 27252 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे. विजय मंडल ने इस सीट पर जेडीयू की लगातार दूसरी जीत पर ब्रेक लगा दिया.
कृष्णनंदन प्रसाद वर्माः जहानाबाद विधानसभा सीट पर नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री और जेडीयू प्रत्याशी कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को भी हार का सामना करना पड़ा है. कृष्णानंदन वर्मा इस बार के चुनाव में घोसी सीट की जगह जहानाबाद सीट से उतरे थे, जहां उन्हें आरजेडी के उम्मीदवार कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव ने हरा दिया. सुदय यादव को 75030 वोट मिले जबकि कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को 41128 वोट मिले हैं.
शैलेश कुमारः जमालपुर विधानसभा सीट पर बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री और जेडीयू प्रत्याशी शैलेश कुमार भी हार गए हैं. महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के टिकट पर डॉ अजय कुमार सिंह ने जीत दर्ज की है. डॉ अजय कुमार सिंह को 57196 वोट मिले हैं जबकि जेडीयू के शैलेश कुमार को 52764 वोट मिले हैं. इस तरह से करीब 5 हजार वोटों से मंत्री शैलेश कुमार हार गए हैं.
संतोष कुमार निरालाः बक्सर जिले की राजपुर विधानसभा (सुरक्षित) सीट से नीतीश सरकार के परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला को भी हार का मुंह देखना पड़ा है. इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विश्वनाथ राम को जीत मिली है. कांग्रेस के विश्वनाथ को 67871 वोट मिले हैं और जेडीयू के संतोष कुमार ने 46667 मत हासिल किए हैं. इस तरह से जेडीयू को करीब 20 हजार मतों से हार मिली है.
रामसेवक सिंहः हथुआ विधानसभा सीट से राज्यमंत्री व जेडीयू प्रत्याशी रामसेवक सिंह को आरजेडी से करारी हार झेलनी पड़ी है. आरजेडी से राजेश सिंह कुशवाहा ने 86731 वोट हासिल कर जीत दर्ज की है जबकि जेडीयू प्रत्याशी रामसेवक सिंह को 56204 वोट मिले हैं. इस तरह से नीतीश के मंत्री को तीस हजार के बड़े अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा है.
रमेश ऋषिदेवः मधेपुरा जिले की सिंहेश्वर विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी और नीतीश सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रहे रमेश ऋषिदेव को शिकस्त मिली है. यहां से आरजेडी प्रत्याशी चंद्रहास चौपाल ने जीत दर्ज की है. सिंहेश्वर सीट पर आरजेडी के चंद्रहास चौपाल को 86181 मत मिले हैं जबकि जेडीयू कैंडिडेट रमेश ऋषिदेव को 80608 वोट मिल सके हैं. इस तरह से करीब 6 हजार मतों से उन्हें हार मिली है.
खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमदः सिकटा विधानसभा सीट से नीतीश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद अपनी सीट नहीं बचा सके हैं. उन्हें सीपीआई (माले) के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने करारी मात दी है. जेडीयू के टिकट पर उतरे खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद तीसरे नंबर पर रहे, उन्हें 35798 मत मिले हैं जबकि महागठबंधन की ओर से सीपीआई (माले) के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने 49075 वोट पाकर जीत दर्ज की है. यहां दूसरे नंबर रहे निर्दलीय प्रत्याशी को 46773 मत मिले हैं.
लौकहा: लक्ष्मेश्वर राय हारे
लौकहा विधानसभा सीट से नीतीश सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय भी अपनी सीट नहीं बचा सके हैं. उन्हें आरजेडी के भारत भूषण ने करारी मात दी है. लौकहा सीट पर जेडीयू प्रत्याशी लक्ष्मेश्वर राय को 68446 वोट मिले हैं जबकि आरजेडी के भारत भूषण मंडल ने 78523 वोट पाकर जीत दर्ज की है. इस तरह से यहां आरजेडी को करीब 10 हजार मतों से जीत मिली है.
सुरेश कुमार शर्माः मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट से बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा को कांग्रेस के हाथों अपनी सीट गवांनी पड़ी है. बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कुमार शर्मा को 75545 मत मिले हैं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बिजेंद्र चौधरी को 81871 वोट हासिल हुए हैं. इस तरह से कांग्रेस को यहां छह हजार वोटों से जीत मिली है.
बृज किशोर बिंदः चैनपुर विधानसभा सीट से बिहार के खनन मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी बृज किशोर बिंद अपनी सीट नहीं बचा सके हैं. यहां उन्हें बसपा प्रत्याशी जमा खान के हाथों करारी हार मिली है. चैनपुर सीट पर बसपा के जमा खान को 95245 मत मिले हैं जबकि बीजेपी के बृज किशोर बिंद को 70951 मत मिले हैं. इस तरह से बसपा ने यहां पर करीब 25 हजार मतों से जीत हासिल की है. 2015 में भी जमा खान ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी और महज 670 वोटों से हार गए थे, लेकिन इस बार सारा हिसाब बराबर कर लिया है.