Shashi Bhushan Dubey Kanchniy
जयपुर: यूपी में बसों के रोके जाने तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बसों की लिस्ट पर सवाल उठाए जाने और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के ऊपर फ़र्ज़ी मुकदमें दर्ज किए जाने के मसले पर सचिन पायलट ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि पूरे देश में प्रवासी श्रमिक बहनों-भाइयों पर इस महामारी में विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. राजस्थान सरकार पूरे जी जान से जनसेवा में लगी है. हमारी कोशिश है कि हम अपने तरफ से कोई कोताही नहीं होने दें जिससे कि देश निर्माताओं को परेशानी झेलनी पड़े.
उन्होंने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार ने पिछले तीन-चार दिनों में जो किया उससे उसका गरीब विरोधी चेहरा उजाकर हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय महासचिव ने यूपी के मुख्यमंत्री से गाजियाबाद और नोयडा से 1000 बसों को चलाने की अनुमति मांगीं थी लेकिन भाजपा की सरकार उस पर इस आपदा में भी कुटिल राजनीति खेल रही है.
उन्होंने कहा कि गरीबों मजदूरों को बसों से लाने की कोशिश करने पर बौखलाई यूपी सरकार सरकार ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया और महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव के ऊपर फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज कराया है. यह घोर निंदनीय और शर्मनाक है कि जो लोग सेवा कर रहे हैं. मदद कर रहें है उनको यूपी सरकार प्रताड़ित कर रही है.
प्रेस को संबोधित करते हुए ज़ुबैर अहमद खान और धीरज गुर्जर ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी के कार्यालय द्वारा भेजी गई बसों की सूची पूरी तरह से सही है. भाजपा ने इस आपदा में भी राजनीति करके साफ कर दिया है कि देश निर्माता श्रमिक भाई-बहनों से उनको कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के कार्यालय ने यूपी सरकार को कुल 1051 बसों की सूची भेजी थी. भाजपा सरकार जन विरोधी नीतियों के तहत जानबूझकर यह अफवाह फैलाई की बसों की सूची गड़बड़ है. मानवीय भूलों को दरकिनार कर दिया जाए तो हमने एक एक नम्बर को चेक किया है जिसमें से 1032 बसें हैं. सच्चाई यह है कि मजदूर विरोधी योगी सरकार नहीं चाहती है कि प्रवासी मजदूर साथी कुशल मंगल अपने घरों को पहुंचें.