रांची: झारखंड में पुलिस मुठभेड़ में मौत के बड़े मामले की जांच सीआईडी टेकओवर करेगी. पुलिस मुख्यालय की सहमति के बाद सीआईडी ने केस टेकओवर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, उग्रवादी- पुलिस मुठभेड़ में अप्रैल तक 4 उग्रवादियों की मौत हुई थी. वहीं 9 आम लोग भी नक्सल हिंसा के शिकार हुए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक नक्सल हिंसा के मौत के मामलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश के अनुसार जांच स्वतंत्र एजेंसी से करायी जानी चाहिए. ऐसे में सीआईडी इन केस को टेकओवर करेगी.
किन प्रमुख मामलों को किया जाएगा टेकओवर
- 31 मार्च को गुमला के विशुनपुर के कठठोकवा जंगल में पुलिस और रविन्द्र गंझू के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में रविन्द्र दस्ते का दिनेश्वर उरांव उर्फ दीनू मारा गया था. दीनू पर पुलिस ने 2 लाख का इनाम भी रखा था.
- 17 मई को सिमडेगा के जलडेगा थाना क्षेत्र स्थित जुनाडीह बेंदोचुआ जंगल में पुलिस और पीएलएफआई के बीच हुई मुठभेड़ में पंडित सिंह नाम का एक उग्रवादी मारा गया था, जबकि छह अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था. मुठभेड़ में एक उग्रवादी प्रवीण कंडुलना पुलिस की गोली से घायल भी हुआ था.
- 4 अप्रैल की सुबह चाईबासा के गुदड़ी के जंगल में नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच हुए मुठभेड़ में तीन महिला नक्सली मारी गयी थी. खूंटी- चाईबासा सीमा पर गुदड़ी की टोमडेल पंचायत के चिरिुंग गांव के रेयड़दा टोला जंगल में नक्सली सुरेश के दस्ते के होने की सूचना पर सीआरपीएफ और जिला पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया गया था. दस्ते में करीब 20 से 25 नक्सली थे, पुलिस सर्च अभियान चला रही है. इस अभियान में पश्चिमी सिंहभूम, खुंटी पुलिस के आलावा सीआरपीएफ 94, 174 और 60 बटालियन के जवानों को लगाया गया था.
- 21 मार्च को खूंटी में नक्सल अभियान के दौरान एक बेगुनाह युवक रोशन होरो मार दिया गया था. पूरे मामले में सीआरपीएफ की भूमिका सवालों के घेरे में है.