अलीगढ़: कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. इस घटना को जिसने भी सुना उसका दिल भर आया. तेज बुखार से बेटी की मौत होने के बाद उसके शव को बाइक पर लेकर निकले दंपती का एक्सीडेंट हो गया.
इस हादसे में पत्नी का भी निधन हो गया. इस घटना ने हमारी इंसानियत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल, सिस्टम के नाकारापन ने एक हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया. पहले गाजियाबाद में बेटी की तेज बुखार से मौत हो गई. वहां से शव लेकर आने के लिए जब कोई वाहन न मिल सका तो मजबूर दंपती मंगलवार को बाइक से ही शव लेकर निकल गए. गाजियाबाद से अलीगढ़ तक किसी ने भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी. रास्ते में बाइक डिवाइडर से टकरा गई. हादसे में पत्नी की भी मौत हो गई. घायल पति का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
मदद के लिए नहीं बढ़े हाथ
अलीगढ़ के गांव जुझारपुर के रहने वाले 28 साल के सत्यवीर सिंह दो भाइयों में बड़े हैं. वह गाजियाबाद के सैनी विहार कॉलोनी में किराए के मकान में रहते हैं और एक निजी कंपनी में काम करते हैं. सत्यवीर ने बताया कि उनकी 7 माह की बेटी गुंजन को दो दिन से तेज बुखार था. सोमवार देर रात उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
बेटी का शव गांव लाने के लिए कोई भी गाड़ी चालक तैयार नहीं हुआ, ऐसे में बाइक से ही बेटी का शव लेकर दंपती पैतृक गांव की ओर चल दिए. बाइक पर पीछे बेटी का शव लेकर पत्नी बैठी. गाजियाबाद से अलीगढ़ तक दो टोल और नौ थानों को पार कर लगभग 75 किमी की यात्रा भी दंपती ने तय कर ली थी, लेकिन कहीं भी उन्हें रोककर किसी ने कुछ भी जानने की कोशिश नहीं की. हाईवे पर गांव सल्लू के पास एक अन्य वाहन से बचने के प्रयास में बाइक डिवाइडर से जा टकराई. इससे पत्नी प्रीति उछलकर डिवाइडर के बीच बनी रेलिंग से जा टकराईं, जिसने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन किया गया है. हालांकि सरकार धीरे-धीरे इसमें राहत दे रही है लेकिन अब भी लोगों को जरूरी मदद के लिए काफी भटकना पड़ रहा है.