चतरा : चतरा में कोरोना संक्रमण के खौफ के बीच जिले वासियों को बिजली रानी की बेरुखी रुला रही है. स्थिति यह है कि जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में उपभोक्ताओं को बिजली के दर्शन तक नसीब नहीं हो रही. ऐसे में न सिर्फ लोग लॉक डाउन का उल्लंघन कर घरों से बाहर निकलने को विवश है, बल्कि उनके द्वारा किए जा रहे आंदोलनों से जिले में संक्रमण का खतरा भी लगातार बना हुआ है. सबसे भयावह स्थिति चतरा जिले के हंटरगंज, प्रतापपुर, कुंदा, लावालौंग, कान्हाचट्टी, पत्थलगड़ा और सिमरिया प्रखंड अंतर्गत ग्रामीण इलाकों का है. जहां 24 घंटों में बमुश्किल आधे से 1 घंटे ही लोगों को बिजली रानी अपना दर्शन दे रही हैं. बिजली के इस बेरुखी से उमस भरी गर्मी और चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोग पेड़ों का सहारा ले रहे हैं. बिजली विभाग के इस मनमाने रवैए के विरुद्ध लोग कानून को हाथ में लेकर अब सड़क पर उतरने लगे हैं. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इन प्रखंडों में यदा-कदा विद्युत आपूर्ति होने के बाद भी यहां के लोगों को लंबी चौड़ी बिजली बिल थमाया जा रहा है. जिससे न सिर्फ लोगों में बिजली विभाग के प्रति आक्रोश है बल्कि बिजली विभाग उनके जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय नमक छिड़कने का काम कर रहा है.
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार एक तरफ लॉक डॉउन का पालन कर लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हम कोरोना से जंग जीत सके. लेकिन बिजली विभाग के मनमाने रवैए के कारण सरकार के इस अपील का न सिर्फ माखौल उड़ रहा है बल्कि लोग लगातार संक्रमण के खौफ में जीवन जीने को विवश हैं. ग्रामीणों ने कहा है कि अगर इस स्थिति में सुधार नहीं हुई तो बाध्य होकर उग्र आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे. प्रतापपुर प्रखंड के रामपुर पंचायत में ग्रामीणों ने तो सड़क पर उतरकर बिजली विभाग के विरुद्ध जमकर नारेबाजी तक की है. जिला मुख्यालय का भी यही हाल है. शहर में भी 24 घंटों में महज 4 से 5 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही है. जिससे कोरोना के खौफ के बीच लोगों के दिलों में बिजली विभाग के प्रति लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है.