रांची : मॉनसून सत्र के पहले दिन की कार्यवागी समाप्त होने के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई. इसमें सुखाड़ का मुद्दा छाया रहा. समिति में शामिल सभी सदस्यों ने सुखाड़ राहत के लिए सुझाव दिए. बैठक के बाद नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “सुखाड़ पर गंभीरता से चर्चा हुई है। इस पर सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है.” किसानों के साथ पेयजल की समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश की जा रही है. समिति में शामिल सभी सदस्यों ने सुखाड़ पर चर्चां की और इसके निदान के लिए सुझाव भी दिए.
सुखाड़ को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन :
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत, इरफान अंसारी ने प्रदर्शन किया. सुखदेव भगत ने कहा कि “मॉनसून के बाद भी झारखंड में बरसात की कमी महसूस की जा रही है.” आपदा प्रबंधन विभाग इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है, और जरूरतमंद किसानों को राशि भी नहीं मिल रही है, लोग सूखे से बेहाल है, झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए. विधायक भानु प्रताप शाही ने भी माना कि बहुत देर हो चुकी है. धान के बिचड़े सूख रहे हैं, दलहनी फसलें बर्बाद हो रही हैं, सरकार पलामू क्षेत्र को विशेष पैकेज दे. किसानों की दयनीय स्थिति पर सरकार संज्ञान लें.
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सदन चलने में विपक्ष का सहयोग जरूरी : नीरा
शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा कि “सदन चलाने में विपक्ष का सहयोग जरूरी है.” जनता के सवालों पर और योजनाओं पर सरकार गंभीर है. शोर शराबों के बीच जरूरी कार्य भी प्रभावित हो जाता है. हंगामे से राज्य की जनता को फायदा नहीं होता. पक्ष-विपक्ष दोनों को सजग होकर सदन को सुचारू रखने में सहयोग करना चाहिए.
मंत्री ने पारा शिक्षकों से भी आंदोलन नहीं करने का आग्रह किया है. मंत्री ने कहा कि सरकार उनके तमाम मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए मांगों को पूरा करती रही है. उनकी कई लंबित मांगों की दिशा में भी जल्द ही कदम उठाए जाएंगे. हड़ताल से बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो जाता है.