दिल्ली: महिलाओं को रिझाने वाले शराबी बंदर कलुआ को अंततः उम्रकैद की सजा दे दी गई है. चूंकि, उसे आइसोलेशन में रखने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो पाया,अब उसे जिंदगी भर पिंजरे में ही कैद रखा जाएगा.
ये कलुआ नाम का बंदर एक तांत्रिक ने पाल रखा था, उसकी मौत के बाद जब वह आजाद हुआ तो लोगों को जख्मी करने लगा था. यही नहीं उसके आतंक से लोग भयभीत हो चले थे, ये कहानी नहीं सच्चाई है, जोकि उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से जुडी हुई है. अब उसकी हरकतों के चलते उसे कानपुर के प्राणी उद्यान (Zoological park kanpur) में रखा गया है.
कलुआ को कानपुर से वन विभाग की टीम ने पहली जनवरी 2017 को बंदूक से बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा था. बंदर को पकड़ कर ले गई कानपुर प्राणी उद्यान की टीम ने अस्पताल परिसर में पिंजरे में बंद रखा. प्राणी उद्यान के अस्पताल में काफी समय तक उसे आइसोलेशन (Isolation)में रखा गया.
पिंजरे में कैद बंदर की हर हरकत और गतिविधियों पर डॉक्टर और विशेषज्ञ नजर रखे थे. लेकिन तीन वर्ष तक उसके व्यवहार में कोई नरमी या सुधार देखने को नहीं मिला. इसके चलते प्राणी उद्यान के डॉक्टर और विशेषज्ञ ने उसे जिंदगीभर पिंजरे में ही कैद रखने का फैसला लिया. मुंह व शरीर काला होने के कारण उसका नाम कलुआ रखा गया.
तीन वर्ष पूर्व मिर्जापुर के विभिन्न मोहल्लों में कलुआ आतंक का पर्याय बन गया था. वह सैकड़ों लोगों को काट चुका था. वह महिलाओं व छोटी बच्चियों के चेहरे को काट कर भाग जाता था.
बंदर के पकड़े जाने पर छानबीन में पता चला कि वह मांस खाने, शराब पीने का आदी था. उसे तांत्रिक ने पाला था. तांत्रिक उसे शराब देता था. तांत्रिक की मौत के बाद बंदर आजाद हुआ तो लोगों को जख्मी करने लगा. वह ज्यादातर बच्चियों और महिलाओं को काटता था.
वर्ष 2017 में बंदर ने 30 से अधिक बच्चों को काटा था. हालत ये हो गई थी कि लोग बच्चों को घर से बाहर निकलने नहीं दे रहे थे. उसके हमले की शिकार बनीं अधिकतर बालिकाओं को प्लास्टिक सर्जरी करानी पड़ी. ज
ब उसे प्राणी उद्यान में बंद कर रखा था तो वह किसी भी पुरुष के पास आने पर गुस्साता था, पर महिलाओं को दूर से ही इशारे कर पास बुलाता था. महिलाएं जब पिंजरे के पास आ जाती तो उन्हें काटने के लिए दौड़ता था.