चतरा: देश और प्रदेश में दिन-प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. चतरा में भी कोरोना तेजी से अपना पांव पसार रहा है. रोज नए पॉजिटिव केस की पुष्टि ने जिले में हड़कंप मचा रखा है. बावजूद रैयतों की भूमि लेकर प्रतिमाह करोड़ों की कमाई करने वाला सीसीएल प्रबंधन प्रभावित इलाकों के लोगों के बचाव व सुरक्षा के प्रति जागरूक नहीं नजर आ रहा. जिले के टंडवा इलाके में भी कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि होने के बाद भी अब तक सीसीएल प्रबंधन की नींद नहीं खुली है. ना तो सीएसआर मद से प्रबंधन द्वारा अबतक प्रभावित गांवों को सैनिटाइज कराया गया है और ना ही किसी भी प्रकार के राहत बचाव कार्य की शुरुआत इन गांवों में हुई है.
ऐसे में जहां रैयातों और आम ग्रामीणों में प्रबंधन के प्रति आक्रोश है, वहीं सीसीएल के नकारात्मक रवैए से क्षुब्ध स्थानीय समाजसेवियों ने ही प्रबंधन के नकारात्मक रवैया के विरुद्ध आम लोगों के रक्षा और सुरक्षा के प्रति मोर्चा संभाल लिया है. संक्रमण के बढ़ते खतरों से अपना हक और अधिकार के साथ-साथ सीसीएल को कोल उत्पादन को ले भूमि देने वाले रैयतों को बचाने को ले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निजी खर्च पर ही क्षेत्र को सेनेटाइज करना शुरू कर दिया है. इलाके के समाजसेवी अरविंद सिंह और उनकी युवा टीम टंडवा प्रखंड के विभिन्न गांवों में जाकर टैंकरों के माध्यम से ना सिर्फ गांव को सैनिटाइज कर रही है बल्कि आम लोगों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए सरकारी निर्देशों का पालन करने के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं.
टीम के सदस्य ग्रामीणों को नियमित हैंडवाश और मास्क का उपयोग करने के साथ-साथ सेनीटाइजर का भी ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में सीसीएल प्रबंधन के लापरवाही का कोप भाजन हो रहे भू-रैयतों और ग्रामीणों का भी इस टीम को भरपूर सहयोग मिल रहा है. ग्रामीण जहां राहत बचाव कार्य में लापरवाही के लिए सीसीएल प्रबंधन को कोस रहे हैं वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और उनकी युवा टीम की प्रशंसा भी कर रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं के इस अभियान को स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का भी समर्थन मिल रहा है. स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि भी गुहार के बावजूद ग्रामीण इलाकों का सैनिटाइजेशन नहीं करने पर सीसीएल प्रबंधन और उनके अधिकारियों को कोस रहे हैं.