जमशेदपुर/रांची: भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में शहीद गणेश हांसदा के अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. रांची के नामकुम स्थित आर्मी कैंप से शहीद का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने पर सबसे पहले घर ले जाया गया, जहां जनजातीय परंपरा के अनुरूप परिजनों अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की गयी.
घर में अंतिम संस्कार की रस्म पूरा करने के बाद पार्थिव शरीर को अंत्येष्टि के लिए लाया गया, जहां मौजूद आर्मी के अधिकारियों, पुलिस-प्रशासनिक पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों समेत अन्य गणमान्य लोगों ने पुष्प अर्पित कर अंतिम श्रद्धांजलि दी. मौके पर जवानों ने शहीद को शस्त्र झुका कर अंतिम सलामी दी.
इससे पहले पार्थिव शरीर पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड के चिगड़ा पंचायत के कोसाफलिया गांव पहुंचते ही भारत माता की जय, गणेश हांसदा अमर रहे, चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करो, के नारे से पूरा गांव गूंज उठा. शहीद गणेश हांसदा का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से आज 10ः15 बजे बहरागोड़ा हवाई अड्डा पहुंचा. वहां से पूरे सम्मान के साथ उनके निवास स्थल कोसाफलिया गांव ले जाया गया. पूरा गांव और आसपास के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है .लोग वीर शहीद गणेश हांसदा अमर रहे का नारा लगा रहे हैं और चीन से बदला लेने की बात कर रहे हैं. सभी आक्रोशित नजर आये.
इस मौके पर जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने बताया कि शहीद परिवार के आश्रित उनकी ओर से एक लाख रुप्ये का चेक सौंपा है, साथ ही दस बोरा चावल 1 बोरा दाल और अन्य जरूरत के समान दिये गये है. उन्होंने कहा कि शहीद परिवार से उनका पहले से ही परिचय है और देश के लिए शहीद जवान की सहायता के लिए पूरा समाज और वे सभी लोग हमेशा तत्पर रहेंगे.
इधर, भारत और चीन के सीमावर्ती क्षेत्र लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हुए झारखंड के साहेबगंज जिला निवासी वीर शहीद कुंदन कुमार ओझा को शुक्रवार को सलामी देने के साथ राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
उपायुक्त वरुण रंजन ने गलवान घाटी में शहीद कुंदन ओझा के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया. उपायुक्त ने कहा शहीद कुंदन ओझा की शहादत सदैव राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करेगा. यह दुख की घड़ी में पूरा साहिबगंज जिला शहीद के परिजनों के साथ है. इससे पहले शहीद कुंदन ओझा का पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से गुरुवार की शाम पटना पहुंचा. तिरंगे में लिपटे शहीद कुंदन का पार्थिव शरीर पटना से सड़क मार्ग से साहेबगंज पहुंचा. पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पूरा गांव शहीद कुंदन ओझा अमर रहे के नारों से गूंज उठा.