रांची: राज्य में इनामी नक्सलियाें की संख्या में वृद्धि की जा सकती है. वर्तमान में करीब 260 नक्सलियाें पर इनाम घाेषित है. इनमें से 61 नक्सली ऐसे हैं जाे इनाम की घाेषणा के बाद या ताे गिरफ्तार किए जा चुके हैं या फिर सरेंडर कर चुके हैं, अथवा मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. ऐसे में पुरस्कार घाेषित नक्सलियाें की संख्या 199 रह गई है.
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले से राज्य में नक्सलियाें की गतिविधियां कुछ बढ़ी हुई हैं. ऐसे में अब कुछ चिह्नित नक्सलियाें पर पुलिस मुख्यालय द्वारा पुरस्कार की घाेषणा करने की अनुशंसा भेजी गई है, उस पर विचार चल रहा है. पुरस्कार घाेषित नक्सलियाें में से एक नक्सली पर इनाम की राशि उसके पद के अनुसार बढ़ाने की भी अनुशंसा इसमें शामिल है.
विभागीय मंत्री की अगर इसमें सहमति मिलती है ताे जल्द ही 12 नए चिह्नित नक्सलियाें पर इनाम की घाेषणा की जा सकती है. झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय द्वारा 5 फरवरी 2019 को नक्सल प्रभावित राज्यों की अधिसूचना जारी की थी.
इसमें कहा गया था कि राज्य के 24 में 19 जिले उग्रवाद प्रभावित हैं. इनमें 13 जिले अति उग्रवाद प्रभावित हैं. केंद्र सरकार द्वारा उग्रवाद प्रभावित राज्यों को दी गई 775 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता में भी झारखंड को 340 करोड़ रुपए दिए गए थे.
रविंद्र गंझू पर इनाम की राशि 10 से बढ़ाकर 15 लाख करने की अनुशंसा
माओवादी रविंद्र गंझू पर वर्तमान में 10 लाख रुपए का इनाम घाेषित है, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने उस पर 15 लाख रुपए इनाम की घाेषणा करने की अनुशंसा की है. वह भाकपा माओवादी के जाेनल कमेटी का मेंबर था. इस आधार पर उस पर 10 लाख रुपए इनाम की घाेषणा की गई थी लेकिन संगठन में उसे प्राेन्नति मिल चुकी है और अब वह माओवादियाें के रिजनल कमेटी का मेंबर बन चुका है. इसी आधार पर पुलिस मुख्यालय ने उसके पुरस्कार राशि काे बढ़ाने की भी अनुशंसा की है.
विभागीय अधिकार: नक्सलियों पर पांच लाख तक का इनाम घाेषित करने में सक्षम हैं डीजीपी
डीजीपी काे पांच लाख रुपए तक का इनाम घाेषित करने का अधिकार है. लेकिन आम ताैर पर पांच लाख तक के नक्सलियाें पर इनाम की घाेषणा के लिए भी विभागीय मंत्री का अनुमाेदन लिया जाता है, तब सूची का प्रकाशन किया जाता है. जबकि पांच लाख से ज्यादा के इनाम की अनुशंसा पुलिस मुख्यालय से की जाती है.