नई दिल्ली: इस साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रोक जो रोक लगाई थी उसे हटा लिया गया है. सोमवार को शीर्ष कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने शर्तों के साथ रथयात्रा को निकालने की अनुमति जारी कर दी है. यात्रा निकाले जाने को लेकर 16 पिटीशन दाखिल हुईं थी.
इस मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोवडे ने तीन जजों की बेंच गठित की है. इस बेंच में सीजेआई एसए बोवडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल हैं.
बता दें कि ओडिशा की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा इस साल 23 जून यानी मंगलवार को शुरू होना थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक जगह पर लाखों लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में कहा गया है कि जगन्नाथ रथयात्रा सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था है. इस यात्रा को सिर्फ पुरी में ही निकालने की इजाजत दी जाए. मांग की गई है कि पुरी की मुख्य रथयात्रा को ही अनुमति दे दी जाए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट से आग्रह किया गया है कि यात्रा निकालने और पूजा के लिए लाखों लोगों के बजाय सिर्फ 500-600 लोगों को ही अनुमति दी जाए. इस दौरान कोरोना से बचाव संबंधी सभी गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.