हेल्थ डेस्क: अगर आप परेशान है कि प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आया है लेकिन आपको पीरियड्स नहीं हो रहे हैं तो इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि कहीं आप बच्चे को फीडिंग तो नहीं करा रही हैं.
प्रेग्नेंसी के बाद जब तक बच्चे का जन्म नहीं होता तब तक महिलाओं को पीरियड्स नहीं आते हैं. लेकिन बच्चे के जन्म के बाद भी पीरियड साइकल दोबारा शुरू होने में 1 से 6 महीने का समय लग सकता है. किसी महिला को डिलिवरी के 2 महीने बाद ही पीरियड्स शुरू हो सकते हैं तो किसी को 6 महीने बाद. लेकिन पीरियड्स शुरू होना और पीरियड साइकल का नियमित होना दोनों अलग बातें होती हैं.
महिलाओं को भले ही पीरियड्स के कारण लाख समस्याओं का सामना करना पड़े. लेकिन अगर पीरियड्स नियमित ना हों और फ्लो ठीक से ना हो रहा हो, तब यह उनके लिए और बड़ी समस्या बन जाती है. क्योंकि पीरियड्स का महिलाओं की सेहत पर बहुत अधिक असर पड़ता है। इसलिए हेल्दी लाइफ के लिए हैपी पीरियड्स टाइम बहुत जरूरी है. आइए, आज इस बारे में बात करते हैं कि बच्चे के जन्म के बाद पीरियड्स दोबारा शुरू होने और उन्हें नॉर्मल होने में कितना समय लगना सही है. साथ ही यह भी कि आखिर डिलीवरी के बाद भी पीरियड्स क्यों गड़बड़ाते रहते हैं.
सेहत से जुड़ा सवाल
बच्चे के जन्म के बाद जब पीरियड्स फिर से शुरू हो जाते हैं, तब आमतौर पर महिलाएं इस तरही की समस्या का सामना करती हैं कि उन्हें पीरियड्स खुलकर नहीं हो रहे हैं. या फिर उनके पीरियड्स नियमित तौर पर नहीं हो रहे हैं. अगर आपका बच्चा सिजेरियन से हुआ है तो आपको इस विषय में आपको अपनी डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए.
क्यों होता है पीरियड्स अनियमित
कई बार महिलाओं के साथ बच्चे के जन्म के बाद पीरियड्स रेग्युलर ना होने की समस्या इसलिए भी होती है क्योंकि महिला बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग करा रही होती है. दरअसल, ब्रेस्ट फीडिंग और पीरियड्स के बीच सीधा-सा कनेक्शन हॉर्मोन्स के कारण होता है.
जिस मात्रा में बच्चा ब्रेस्ट फीडिंग कर रहा होता है, उसका आपके पीरियड्स पर बहुत असर पड़ता है. मान लीजिए डिलिवरी के बाद आपके पीरियड्स दोबारा शुरू होकर नॉर्मल हो जाते हैं और फिर अचानक से ब्लड फ्लो की मात्रा कम या अधिक हो जाती है. या अचानक से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं. अगर ऐसा होता है तो आपको गौर करना होगा कि क्या आपके बच्चे के फीडिंग टाइम या ड्यूरेशन में कुछ बदलाव हुआ है.
क्योंकि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है, उसकी डोज भी बढ़ने लगती है. ऐसे में वह अधिक मात्रा में फीड करता है. इससे बॉडी में मिल्क के बनने की प्रॉसेस प्रभावित होती है और महिला के हॉर्मोन्स पर असर पड़ता है. इस कारण कुछ महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता हो जाती है तो किसी को ब्लीडिंग कम होने लगती है.
पीरियड्स अनियमित होने के कारण
डिलिवरी के कुछ महीनों बाद जब पीरियड्स रेग्युलर हो जाते हैं और उसके बाद अचानक पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं तो अक्सर महिलाएं प्रेग्नेंसी टेस्ट करती हैं. ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि फिर से प्रेग्नेंसी संभव है. लेकिन प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आने पर समझ जाएं कि यह ब्रेस्ट फीडिंग के कारण हो रहा है.लेकिन फिर भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बार गाइनीक से जरूर मिल लेना चाहिए.