एक व्यक्ति खुद को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया. अब अपने आप को बचाने के लिए हॉस्पिटल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. सुनील चौहान नाम का एक व्यक्ति ट्रेन से सफर कर रहा था इसी दौरान वह झटके खाकर चलती ट्रेन से नीचे गिर गया. गिरने के बाद उसका शरीर ट्रैक किनारे पड़े पत्थरों से टकराया और पेट फट गया. पेट फटने के बाद उस व्यक्ति का आंत बाहर आ गया. गिरने के बाद वह उठा तो देखा कि उसका पेट फट गया है और अंतड़ियां बाहर आ चुकी है. इसे देखने के बाद वह न तो इससे घबराया और न ही डरा. सुनील चौहान ने तुरंत अपना शर्ट उतारा और पेट को उससे बांध दिया.
पेट को बांधने के बाद वह इलाज के लिए इधर-उधर देखा, लेकिन उसे कुछ नजर नहीं आया. उसे यह भी समझ में नहीं आया कि वह किधर जाए. फिर उसने बिना हिम्मत हारे रेलवे ट्रैक पर आगे की ओर बढ़ता गया. दर्द को सहते हुए सुनील चौहान ने पैदल 2 घंटे में 9 किलोमीटर की दूरी तय कर ली.
इस बीच जब जब उसे दर्द होता और चलने के दौरान अंतड़ियां बाहर आती तो उसे वह अपने हाथों से दबाकर अंदर कर देता. इतना कष्ट होने के बाद भी वह रुका नहीं आगे बढ़ता ही गया.
जब सुनील लगातार पैदल आगे बढ़ते जा रहा था तभी हसनपारथी के स्टेशन मास्टर ने देखा. पूछताछ के बाद उसने अपने साथ घटी घटना के बारे में सारी जानकारी दी. जानकारी मिलते ही उसे इलाज के लिए महात्मा गांधी अस्पताल वारंगल में भर्ती करवाया गया.
घटना को लेकर रेलवे पुलिस ने बताया कि सुनील चौहान अपने भाई प्रवीण और अन्य लोगों के साथ नौकरी की तलाश में जा रहा था. ये सभी लोग संघमित्रा एक्सप्रेस से सफर कर रहे थे. सनील उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रहने वाला बताया जा रहा है.
पुलिस ने बताया, ”उप्पल स्टेशन के पास सुनील अपनी सीट से उठकर टॉयलेट गया था. जिसके बाद वह हाथ धोने के लिए वहां मौजूद वॉश बेसिन के पास रुका. वहां खड़ा होते ही उसे झटका लगा और ट्रेन के नीचे गिर गया.”