लखीसराय: एक तरफ जहां लगातार हो रही बरसात से किसानों में खुशी है. वहीं दूसरी तरफ नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. जिसके कारण टाल व दियारा के लोगो में भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है.
लखीसराय जिला अंतर्गत गंगा, किऊल और हरूरहर नदीयो का जलस्तर बढ़ रहा है. फिलहाल अभी बाढ़ का खतरा दूर है. प्रशासन बाढ़ को लेकर पहले से ही पूरी तैयारी में जुटा हुआ है.
आपको बताते चलें कि जिले में बाढ़ से प्रभावित आबादी डेढ़ लाख से अधिक है. इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा संभावित क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा शरण स्थल का चयन किया जा रहा है.
जिले के पिपरिया एवं बड़हिया प्रखंड गंगा एव हरुहर नद, सूर्यगढ़ा प्रखंड गंगा तथा किऊल नदी के किनारे स्थित है. लखीसराय प्रखंड क्षेत्र भी किऊल और हरुहर नदी से घिरा हुआ है.
बड़हिया टाल क्षेत्र भी जलजमाव से डूबा रहता है. लखीसराय शहरी क्षेत्र किऊल नदी एवं बड़हिया शहरी क्षेत्र गंगा नदी के जल जमाव से डूबा रहता है. गंगा नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
पिपरिया बीडीओ शत्रुंजय कुमार ने बताया कि दियारा क्षेत्र में गंगा और हरुहर नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. लखीसराय जिले में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित बड़हिया व पिपरिया प्रखंड है.
इन दोनों प्रखंडों में हर वर्ष बाढ़ आ जाती है. जिसकी वजह से दोनों प्रखंडों के कई गांव बाढ़ के पानी से डूब जाते हैं. लखीसराय जिले में लगभग 38 पंचायत बाढ़ से प्रभावित होते हैं.