मुम्बई: बॉलीवुड से एक और बुरी खबर सामने आ रही है, फिल्म निर्माता और निर्देशक हरीश शाह का निधन हो गया है. आज सुबह छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. हरीश के भाई विनोद शाह से मिली जानकारी के अनुसार वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. हरीश शाह की गिनती बॉलीवुड के बड़े निर्माताओं में होती थी. उनकी मुख्य फिल्मों में ‘काला सोना’, ‘मेरे जीवन साथी’, ‘राम तेरे कितने नाम’, ‘धन दौलत’, ‘जलजला’, ‘जाल- द ट्रैप’ सहित अन्य हैं. वो पिछले चालीस सालों से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय थे.
हरीश शाह ने कैंसर पर आधारित शॉर्ट फिल्म ‘व्हाय मी’ प्रोड्यूस की थी. इस फिल्म ने प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी जीता था.
हरीश शाह ने वर्ष 1968 में आई आनंद दत्त के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दिल और मोहब्बत’ से फिल्म निर्माण में अपने करियर की शुरुआत की थी. इस फिल्म में अशोक कुमार, जॉय मुखर्जी और शर्मिला टैगोर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. इसके बाद उन्होंने ‘मेरे जीवन साथी’ और ‘काला सोना’ जैसी फिल्मों का भी निर्माण किया. फिल्म निर्माण के साथ में हरीश शाह को फिल्म निर्देशन की भी समझ हो गई थी. उन्होंने वर्ष 1980 में आई ऋषि कपूर, नीतू सिंह और प्राण की ड्रामा फिल्म ‘धन दौलत’ से निर्देशन में अपने करियर की शुरुआत की.
इसके बाद हरीश ने वर्ष 1988 में धर्मेंद्र, करण कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म ‘जलजला’ और वर्ष 1995 में आई रेखा, मिथुन चक्रवर्ती और दीपिका आमीन की फिल्म ‘अब इंसाफ होगा’ का भी निर्देशन किया. इन फिल्मों के बाद ही हरीश निर्देशन से दूर हो गए. इसी बीच वह श्याम रामसे और तुलसी रामसे के निर्देशन में वर्ष 1981 में आई फिल्म ‘होटल’ की निर्माण टीम से जुड़े. साथ ही उन्होंने वर्ष 1985 में पी माधवन के निर्देशन में बनी संजीव कुमार, रेखा और प्रेम चोपड़ा की फिल्म ‘राम तेरे कितने नाम’ में भी अपनी फिल्म निर्माण की कला का कौशल दिखाया.
वर्ष 2003 में आई सनी देओल, तब्बू, रीमा सेन और अमरीश पुरी की फिल्म ‘जाल- द ट्रैप’ का निर्माण करने के बाद हरीश फिल्मी दुनिया से बिल्कुल दूर हो गए. याद दिला दें कि पिछले कुछ ही महीनों में हिंदी सिनेमा ने ऋषि कपूर, इरफान खान, वाजिद खान, योगेश, सुशांत सिंह राजपूत जैसे कई सितारों को खो दिया है.