रांची: मानसून के आते ही जहां हर तरफ सावधानी बरती जाती है. कुछ ऐसी ही तैयारी रेलवे प्रबंधन भी करता है. मानसून को लेकर रेलवे मानसून प्रीपेयर्डनेस की प्रक्रिया शुरू करता है.
इस कार्य के लिए अलग से टीम होती है. जिसका नाम मानसून पेट्रोलिंग टीम है. जिसमें यह सूनिश्चित की जाती है कि रेलवे ट्रैक पर बारिश की वजह से कोई परेशानी तो नहीं आ रही. साथ ही कहीं रेलवे ट्रैक पर जल जमाव तो नहीं. यह टीम उन सभी चीजों पर नजर रखती है.
पेड़ की कटाई भी होती है:
पेड़ की कटाई भी की जाती है, मानसून में पेड़ बढ़ जाते हैं, जिससे रेलवे परिचालन में काफी परेशानी होती है. इतना ही नहीं, रेलवे ट्रैक पर चट्टानों के गिरने का भी डर लगा रहता है.
मानसून पेट्रोलिंग टीम द्वारा लगातार इसकी निगरानी की जाती है. मानसून में जहां-जहां पत्थरों के टूटने की आशंका होती है, उन जगहों को चिन्हित कर पत्थरों को तोड़ा जाता है.