जमशेदपुर : उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार राज्य सरकार की पुनरीक्षण समिति की अनुशंसा पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे 13 बंदियों को रिहा किया गया. जहां बंदियों द्वारा भविष्य में दोबारा ऐसी गलती ना करने की शपथ ली गई.
कारा प्रशासन द्वारा असमय बंदियों के कारा मुक्ति का प्रस्ताव राज्य सरकार के समक्ष प्रेषित किया गया था. जहां राज्य सरकार के राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद बोर्ड की बैठक में 31 अक्टूबर 2019 को इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया. घाघीडीह केंद्रीय कारा से इन बंदियों को रिहा किया गया. जहां कुल 14 बंदियों को रिहा करने का प्रस्ताव पास किया गया था पर किसी तकनीकी कारण से एक कैदी गुरुवार को रिहा नहीं हो पाया, रिहा हुए 13 बंदी बिहार ,ओडिशा,झाखण्ड के जमशेदपुर व आसपास के ज़िलों से हैं जो घाघीडीह केंद्रीय कारा में आजीवन सजा काट रहे थे.
वहीं जैसे ही ये बंदी बाहर निकले इनके खुशी का ठिकाना नहीं था. इनके परिजन फूल माला के साथ इनका स्वागत किए साथ ही इन्होंने दोबारा ऐसी गलती नहीं करनी की बात कहते हुए राज्य सरकार का धन्यवाद किया.
वही इस संबंध में जानकारी देते हुए घाघीडीह केंद्रीय कारा के सुपरिटेंडेंट सत्येंद्र चौधरी ने कहा कि इन बंदियों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जहां इनके द्वारा भविष्य में ऐसी गलती दोबारा ना हो इसके लिए शपथ दिलाई गई. साथ ही इन्हें ज्ञानवर्धक किताब भी दिया गया ताकि किताब पढ़ कर किताब में लिखी बातों को वे अपने जीवन में उतार सके. इनके रिहाई से कारा प्रबंधन के वरीय पदाधिकारी काफी खुश नजर आए.