रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पत्र लिख कर रिम्स में नर्सों की नियुक्ति में हो रही अनियमितता के संबंध में अवगत कराया है और ऐसी गलती दुबारा न हो इसके लिए कई सुझाव भी दिए हैं.
तिर्की ने अपने पत्र में कहा है, कि रिम्स में आरक्षण रोस्टर और आरक्षण रजिस्टर तैयार करने की समुचित जानकारी के अभाव में 109 अनुसूचित जनजाति के ग्रेड ए नर्सों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा द्वारा प्राप्त मेरे कार्यालय को प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यालय आदेश संख्या 10678/रा. आ.सं. दिनांक 18/10/2014 के अनुसार, इस संस्थान में परिचारिका श्रेणी ए के 367 पदों पर नियमित हेतु दिनांक 17/10/2014 तथा 18/10/2014 को आयोजित अन्तर्विक्षा में कुल 355 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया. जिन्हें नियुक्ति निर्गत किये जाने का आदेश दिया गया. इसमें 84 आदिवासी अभ्यर्थियों का चयन सामान्य वर्ग में किया गया.
किन्तु पुनः कार्यालय आदेश संख्या 11451/ दिनांक 01/12/2014 के द्वारा एक नयी चिट्ठी जारी की गयी, जिसमें सामान्य वर्ग में चयनित आदिवासी अभ्यर्थियों को एसटी श्रेणी में गणना किया गया.
तत्पश्चात आदिवासी अभ्यर्थियों को उनके लिए आरक्षित पदों से अधिक संख्या में दिखाया जा रहा है और नए नियम नियुक्तियों में आदिवासियों के शून्य पद दर्शाए जा रहे हैं.
आपत्ति दर्ज करने के बाद रिम्स निदेशक ने स्वास्थ्य सचिव एवं कार्मिक विभाग से अनुमोदन प्राप्त करने हेतु पत्र भेजा. परंतु आपत्ति दर्ज करने का कोई फायदा नहीं हुआ. रिम्स निदेशक ने विभागीय स्तर पर भी गलत जानकारी देते हुए विभागीय सचिव से त्रुटिपूर्ण रोस्टर पर सहमति ले ली.
इस परिस्थिति में यह आवश्यक है कि जितनी नियुक्तियां हो चुकी है, उसका पुनरावलोकन हो तथा त्रुटियों का निराकरण करते उस पद पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाये.
इसके अलावा भविष्य में ऐसी गलती रिम्स या राज्य सरकार से जुड़े किसी अन्य संस्थान में भी न हो, इस निमित्त रोस्टर और आरक्षण रजिस्टर की व्यापक जानकारी देने हेतु समय समय पर कार्यशाला आयोजित की जाये तथा उसमें विषय के विशेषज्ञ को बुला कर अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाये.