नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए बनाए जा रहे 14 संभावित टीकों में से चार अगले तीन से पांच महीने में क्लीनिकल परीक्षण के दौर में पहुंच सकते हैं.
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव से ऑनलाइन संवाद में हर्षवर्धन ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए टीका विकसित करने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा, ” टीका विकसित करने के लिए दुनिया में 100 से अधिक उम्मीदवार हैं और विभिन्न चरणों पर काम कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन इन प्रयासों में समन्वय कर रहा है.”
हर्षवर्धन ने कहा, ” भारत सक्रियता से इस प्रयास में योगदान कर रहा है. हमारे यहां 14 संभावित टीके बन रहे हैं और विभिन्न चरणों में काम हो रहा है.”
उन्होंने कहा, ”उद्योग और अकादमिक जगत इसमें योगदान कर रहा है और हमारा विज्ञान मंत्रालय भी इन सभी प्रयासों में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की मदद कर रहा है.” हर्षवर्धन ने कहा कि जो भी इस पर काम कर रहा है उसे वित्तीय मदद और नियामकीय अनुमति दी जाएगी.
मंत्री ने कहा, ”संभावित 14 टीकों में चार अगले तीन से पांच महीने में क्लीनिकल परीक्षण के दौर में पहुंच जाएंगे. अभी वे प्री क्लीनिकल परीक्षण के दौर में है.”
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि तबलीगी जमात की वजह देश में कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि यह बात पुरानी हो गई है.
भाजपा सांसद और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव के साथ संवाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, “यह तकलीफ और कष्ट देता है कि मार्च के दूसरे सप्ताह में सिर्फ थोड़े ही मामले थे. मरकज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद और गैर जिम्मेदाराना है.”