चतरा: कुन्दा पंचायत के जगन्नाथपुर गांव निवासी कमोद बैगा के 14 वर्षीय पुत्री पूनम कुमारी की अज्ञात बीमारी से शुक्रवार की रात मौत हो गई. झारखंड सरकार द्वारा आदिम जनजातियों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारा दिए जाते हैं फिर भी आदिम जनजाति लाभ से वंचित हो रहे हैं.
मृतका के पिता ने बताया कि मेरी बेटी 2 महीना से बीमार थी जिसके इलाज के लिए कुन्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों के द्वारा मरीज का पूछताछ कर बुखार का दवा पेरासिटामोल दे दिया गया. धीरे-धीरे मरीज की हालत गंभीर होते गई. शरीर में सूजन होना शुरू हो गया इलाज व पैसे के अभाव में बच्ची की मौत हो गई.
मृतका के पिता आदिम जनजाति परिवार से बिलौंग करते है. फिर भी सरकार द्वारा कोई सुध नहीं लि गयी. मृतिका उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, जगन्नाथपुर के पांचवी वर्ग की छात्रा थी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शायद डॉक्टरों द्वारा इलाज होती तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी.
दरअसल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुन्दा में कई वर्षों से डॉक्टर फार्मासिस्ट नहीं है. सिर्फ एलटीएनएम के भरोसे से चलाई जाती है. केंद्र प्रभारी डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज की हालत देखकर बुखार का दवा दी गई थी. इसके बाद मरीज कभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आया ही नहीं. शायद अगर बच्ची दूसरी बार आती तो इन्हें बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया जाता है.