भोपाल : मध्य प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाहों के कारण हो रही मॉब लिंचिंग (भीड़ का हिंसक होना) की घटनाओं से हर कोई परेशान व चिंतित है. इस तरह की अफवाहों से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए नरसिंहपुर जिले के झामर गांव के लोगों ने एक तरकीब निकाली है. इस गांव में आने वाले अजनबी को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा, तभी वह गांव में जा सकेगा. नरसिंहपुर जिला मुख्यालय के करीब स्थित है झामर गांव. इस गांव की आबादी लगभग दो हजार है. पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली बच्चा चोरी की अफवाह के चलते राज्य के कई हिस्सों में भीड़ के हिंसक होने की खबरों के बीच इस गांव के लोगों ने एहतियात बरतते हुए यह कदम उठाया है.
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गांव के कोटवार (चौकीदार) रामसेवक चढ़ार ने संवाददाताओं को बताया है कि गांव के लोगों ने आपस में मिलकर तय किया है कि जो भी अजनबी व्यक्ति गांव में आए, पहला उसका पहचान पत्र देखा जाए. उसकी पहचान होने और संतुष्टि होने पर ही उक्त व्यक्ति को गांव में जाने दिया जाएगा.
एक तरफ जहां अजनबी के गांव में जाने देने से पहले पहचान करने की व्यवस्था की गई है, वहीं कोटवार घर-घर जाकर लोगों को सजग भी कर रहा है. चढ़ार लोगों को बता रहे हैं कि सोशल मीडिया खासकर मोबाइल फोन पर संदेश के जरिए आने वाली अफवाहों पर ध्यान न दें और इन भ्रामक सूचनाओं को आगे भी न बढ़ाएं.
जिले के एडिशनल कलेक्टर (एडीएम) राजेश ठाकुर भी झामर गांव के लोगों की इस पहल को सकारात्मक और सार्थक मान रहे हैं. उनका कहना है कि इस व्यवस्था से जहां गांव के लेाग अजनबी की पहचान सुनिश्चित कर लेंगे, वहीं किसी तरह की अप्रिय घटना होने से भी बचा जा सकेगा.
ज्ञात हो कि राज्य में बीते एक पखवाड़े में दर्जनभर से ज्यादा मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं. भिखारी, मंदबुद्घि व अन्य लोगों को भीड़ की हिंसा का शिकार बनना पड़ा है. इसके चलते पिछले दिनों ही राष्टीय खुफिया एजेंसी आईबी और उसके बाद राज्य की खुफिया शाखा ने पुलिस को सतर्क रहने के विशेष निर्देश जारी किए थे. इसी तरह सागर, टीकमगढ़, खरगोन सहित अन्य जिलों के पुलिस अधीक्षक भी अपने परामर्श जारी कर चुके हैं.