मुंबई से पुणे का सफर अब आप 35 मिनट से भी कम समय में पूरा कर सकेंगे. ये इसलिए मुमकिन हो पा रहा है, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने वर्जिन हाइपरलूप वन-डीपी वर्ल्ड कंसोर्टियम को पुणे-मुंबई हाइपरलूप परियोजना के ऑरिजिनल प्रोजेक्ट प्रॉपनेंट (OPP) के रूप में मंजूरी दे दी है. इस पहल से करीब 36 बिलियन डॉलर के रोजगार पैदा होंगे. वर्जिन हाइपरलूप के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार हाइपरलूप टेक्नोलॉजी की बड़ी समर्थक है और कंपनी दुनिया का पहला हाइपरलूप प्रोजेक्ट लाएगी. अगर ये प्रोजेक्ट सफल होता है तो भारत Hyperloop पैसेंजर सिस्टम का इस्तेमाल करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा. अभी तक दुनिया में इसका कमर्शियल लॉन्च कहीं नहीं किया गया है.
डीपी वर्ल्ड दुनिया की ग्लोबल ट्रेड लीडर है और भारत की प्रमुख पोर्ट्स और लॉजिस्टिक ऑपरेटर भी है. डीपी वर्ल्ड प्रोजेक्ट के फेज 1 को पूरा करने के लिए करीब 50 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी. वर्जिन हाइपरलूप वन के सीईओ जे वाल्डर का कहना है कि दुनिया के पहले हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को बनाने की रेस शुरू हो चुकी है और आज जो ऐलान किया गया है, उसने भारत को इसकी मेजबानी में सबसे आगे कर दिया है. ये एक बड़ा कीर्तिमान होगा. साथ ही ये हाइपरलूप को जनता तक पहुंचाने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र दुनिया का पहला हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम तैयार करेगा और ग्लोबल हाइपरलूप सप्लाई चेन की शुरुआत पुणे से होगी. जो हाइपरलूप इन्फ्रास्ट्रक्चर बन रहा है उसकी स्थापना में महाराष्ट्र और भारत अगुवा हैं. ये हमारे लोगों के लिए गर्व का पल है. हाइपरलूप प्रोजेक्ट सेंट्रल पुणे और मुंबई को जोड़ने में 35 मिनट से भी कम समय लेगा. जब कि अभी सड़क मार्ग से पुणे से मुंबई जाने में 3.5 घंटे का समय लगता है. वर्जिन हाइपरलूप का कहना है कि ये प्रोजेक्ट लाखों नई हाइटेक जॉब्स पैदा करेगा. साथ ही महाराष्ट्र को मौका हाइपरलूप कॉम्पोनेंट और मैन्युफैक्चरिंग का अवसर मिलेगा और वो इसे दुनिया के बाकी हिस्सों में एक्सपोर्ट करेगा.