BNN DESK: रुटीन वर्कआउट में स्ट्रेचिंग को शामिल करना बहुत जरूरी है. मांसपेशियों में खिंचाव से जुड़े ये व्यायाम न सिर्फ वॉर्मअप का काम करते हैं, बल्कि इससे मसल की जकड़न दूर होती है और शरीर लचीला बनता है. आज हम आपको तीन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं जिनसे शरीर मजबूत होगा और पीठ दर्द में राहत भी मिलेगी.
सीटेड हिप ट्विस्ट
दायें पैर को बायीं जांघ के ऊपर रखते हुए चटाई पर बैठ जाएं. जब आप श्वास लेंगे तो आपका मेरुदंड तना रहेगा. अब आपको श्वास छोड़ते हुए खुद को बायीं ओर मोड़ना है. दोनों तरफ से इस व्यायाम को पांच-पांच बार करें.
लाभ : इस व्यायाम में जब आप पैर और नितंब को मोड़ते हैं तो शरीर को स्थिर होने का प्रशिक्षण मिलता है. उदर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
काउ फेस पोज
जमीन पर दोनों पैरों को एक-दूसरे के ऊपर मोड़कर इस तरह रखें कि एक घुटना दूसरे घुटने के ऊपर आ जाए. अब दायें हाथ को कंघे से ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं. अब बायां हाथ मोड़ते हुए कमर की ओर से पीछे ले जाएं. दोनों हाथ पीठ पर एकदूसरे को छूने चाहिए. रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, अब इस अवस्था में रहते हुए कई मिनट तक गहरी सांस भरें.
लाभ : इसे करने से कूल्हों, टखनों, जांघ, कंधे, कांख, छाती की मांसपेशियों में गहरा खिंचाव होता है. घुटनों के दर्द में राहत मिलती है.
कैट-काउ पोज
अपने दोनों हाथों और घुटने के बल लेट जाएं. इस अवस्था में कंधे और घुटने नितंब से एकसीध में रहेंगे. अब धीरे से नितंब की हड्डी (टेलबोन) को उठाएं और अपने कंघों को झुकाते निगाह जमीन पर ले जाएं. आपका सिर नीचे झुक जाएंगा, रीढ़ की हड्डी गोलाकार मुद्रा में होगी. इस अवस्था में पेट का तानते हुए नाभि की ओर ध्यान ले जाएं. अब इस व्यायाम को दोहराएं.
लाभ : इस मुद्रा से गर्दन, कंधे और रीढ़ में लचीलापन बढ़ता है. साथ ही मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन, पीठ के निचले हिस्से के दर्द में राहत मिलती है.