रांची: एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड, ईईएसएल में बड़े पैमाने के घोटाले का आरोप लगा है और इससे पूरे देश में 3500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. वहीं झारखंड-बिहार में 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है.
एलईडी बल्ब वितरण में बरती गयी अनियमितता को लेकर डॉक्यूमेंट्स मिले हैं. उसके मुताबिक पूरे देश में करोड़ों रुपये का घोटाला है. पूर्व फाइनेंस अधिकारी अविनाश कुमार ने ये आरोप लगाया है. पूरे देश में जिस तरीके से एलईडी बल्ब बांटे गए और खराब बल्बों को बदले नहीं गए उसको लेकर सवाल तो उठ रहे थे, लेकिन कंपनी की अपनी ऑडिट रिपोर्ट और जांच रिपोर्ट में जो खुलासे हुए हैं वो चौंकाने वाले हैं.
ईईएसएल पर जो आरोप लग रहे हैं, उसके मुताबिक यहां धड़ल्ले से नकली बल्ब की बिक्री हुई है और जैसा की लोगों की शिकायत थी झारखंड और बिहार में जो बल्ब मिले वो बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं.
आरोप के मुताबिक इसके पीछे नकली बल्ब का वितरण है. यहां नकली बल्ब का वितरण ना सिर्फ सरकारी माध्यम से हुआ है बल्कि इस अपराध के लिए पूरा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया है. ना तो कोई प्रॉपर इनवॉइस दी गई और ना ही खराब बल्ब को वापस करने की सुविधा प्रदान की गई, जबकि कंपनी द्वारा खराब बल्ब वापस करने के लिए गरीब जनता से पैसा लिया गया था. क्योंकि बल्ब का मूल्य मात्र 38 से 39 रुपए के बीच था और जबकि इसे 85 रुपए तक में बेचा जाता गया.
जिस कंपनी द्वारा बल्ब वापस लेने के लिए साधन मुहैया करवाने के लिए पैसे लिए उस पर भी आरोप है की जानबूझ कर बल्ब वापस नहीं लिए गए.
अविनाश कुमार ने बताया कि ”आर्थिक रूप में यह भ्रष्टाचार लगभग 3500 करोड़ रुपये का है जिसमें मेरे पास लगभग 150 करोड़ का पुख्ता सबूत साक्ष्य के रूप में मौजूद है और लगभग 100-125 करोड़ रुपये के गबन का साक्ष्य मैंने सतर्कता विभाग को भी दे चुका हूं. ’’
अगर सिर्फ झारखंड और बिहार राज्य में लगे आरोपों की बात करें तो यहां का आर्थिक भ्रष्टाचार लगभग 150 करोड़ के आसपास है. कुछ महीनों को छोड़ दें तो कंपनी द्वारा बल्ब की बिक्री नहीं की जा रही थी और ना ही खराब बल्ब को बदला जा रहा था. जिसका मुख्य कारण स्टॉक में बल्ब का नहीं होना बताया जा रहा था. लेकिन आरोप ये है कि ईईएसएल के स्टॉक में 120 लाख (झारखंड 58.69 लाख और बिहार 61.54 लाख बल्ब) बैलेंस शीट के हिसाब से ज्यादा 31/03/2018 को मौजूद थे.
आरोप है कि बल्ब को बेचकर सरकारी धन का निजी इस्तेमाल किया गया. बैलेंस शीट में फर्जी जानकारी देने की बात सामने आई है. बिहार और झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों को 70 रुपये में बल्ब दिया गया.
वहीं केरल जैसे समृद्ध राज्य को मात्र 43 से 44 रुपये में एलईडी बल्ब देने का आरोप है.
अविनाश कुमार के मुताबिक, यहां धड़ल्ले से नकली बल्ब की बिक्री हुई है. यह भी आरोप है कि यहां नकली बल्ब का वितरण ना सिर्फ सरकारी माध्यम से हुआ है, बल्कि इस अपराध के लिए पूरा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया है. ना तो कोई प्रॉपर इनवॉइस दी गई और ना ही खराब बल्ब को वापस करने की सुविधा प्रदान की गई. जबकि कंपनी द्वारा खराब बल्ब वापस करने के लिए गरीब जनता से पैसा लिया गया था.
पूर्व फाइनेंस अधिकारी का आरोप है की खुलासे के बदले उन्हें ही धमकियां मिली और कंपनी से भ्रष्टाचार के आरोप में हटा दिया गया.