Ranchi: सोमवार को उपायुक्त रांची के निदेशानुसार रांची के विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों के जीवन स्तर एवं जीविका में सुधार के उद्देश्य से ग्राम चौपाल लगाया गया. इस दौरान प्रखंडों में बीडीओ ने अलग-अलग गांवों में चौपाल लगाया एवं ग्रामीणों की समस्या सुनी, गांव के लिए जरूरी योजना की जानकारी ली. साथ ही, मनरेगा के माध्यम से कैसे ग्रामीणों के लिए उपयोगी योजनाओं पर कार्य किया जा सके.
ओरमांझी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी चूट्टुपालु पंचायत के कवालू गांव पहुंचे. यह एक राजस्व ग्राम है और यहां पर 40 से 45 घर हैं. इस गांव में अनुसूचित जनजाति समुदाय विशेष के लोग निवास करते हैं, गांव के लोगों को मनरेगा से जोड़ने के लिए गांव में एक बैठक की गई जिसमें समग्र विकास पर एवं सामुदायिक विकास पर परिचर्चा हुई. इसके साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना पर भी परिचर्चा हुई.
बैठक के उपरांत ग्रामीणों के सुझाव के आधार पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि आगामी 15 दिनों तक लगातार प्रत्येक दिन इस गांव में कुछ न कुछ समय बिताएंगे और गांव के हर एक परिवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से लाभ देकर इस गांव को आत्मनिर्भर करने का प्रयास किया जाएगा.
इसके साथ ही, सरकार की अन्य सभी फ्लैगशिप योजनाओं को भी इस गांव में पूर्णतया लागू कराया जाएगा. इस दौरान प्रशासनिक पदाधिकारियों को ग्रामीणों से पूर्ण सहयोग मिला एवं प्रक्रिया सकारात्मक रही.
बात चीत के दौरान ग्रामीणों ने यह भरोसा जताया है कि सभी लोग मनरेगा एवं अन्य सरकार की गरीबी उन्मूलन योजना तथा समग्र विकास की अन्य योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सभी वांछित कदम उठाएंगे.
वहीं दूसरी तरफ गांव की महिलाओं ने भी इस बैठक में बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा नशामुक्ति के लिए भी एक संकल्प ग्रामीणों के द्वारा लिया गया.
इसी तर्ज पर मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों की जीविका में सुधार तथा जीवन स्तर में परिवर्तन के उद्देश्य से प्रखंड विकास पदाधिकारी तमाड़ एवं अन्य प्रखंड कर्मियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण किया गया तथा इस दौरान ग्रामीणों के पानी की समस्या पर विचार विमर्श किया गया. साथ ही, ग्रामीणों के सुझाव के अनुरूप कार्य योजना तैयार की जा रही है.
बीडीओ बुंडू की अध्यक्षता में बुंडू प्रखण्ड के दो पंचायतों ताऊ के दलकीडीह और एदलहातु के लितिगड़ीह ग्राम में जीसेलपीएस सखी मंडल और ग्रामीणों को मनरेगा योजनाओं जैसे टीसीबी,फील्ड बंड, शॉक फिट, वाटर हारवेस्टिंग, आम बागवानी, आदि सभी मनरेगा योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई और भुगतान संबंधित सभी जानकारी से अवगत कराया गया. साथ ही, मनरेगा में कार्य करने के लिये लोगों को प्रेरित भी किया गया.
ऐसे लोग जिनका जॉब कार्ड निर्गत नहीं हैं उनका नया जॉब कार्ड भी बनवाया गया और जिनलोगों का 5 साल पुराना जॉब कार्ड है उसको रिन्यूअल करने का भी निर्देश रोजगार सेवक और पंचायत सेवक को दिया गया.
मनरेगा के तहत किए जा रहे विभिन्न प्रखंड कार्यक्रमों की निगरानी कर रहे उप विकास आयुक्त ने कहा, “प्रशासन द्वारा आमजनों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के साथ – साथ इसके तहत तैयार होने वाली योजना में ग्राम विशेष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना तैयार हो इसके लिए इस तरह के संवाद कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं. साथ ही, कई बार लोगों को मनरेगा के तहत किये जाने वाले कार्यों की पूर्ण जानकारी नहीं होने से भी कुछ लोग लाभ से वंचित रह जाते हैं, भविष्य में ऐसा न हो उक्त हेतु ऐसे संवाद कार्यक्रम आगे भी आयोजित किये जाएंगे. इससे आमजनों में भी सहभागिता का भाव जगता है और इससे मनरेगा कर्मियों की समृद्धि के साथ-साथ गांव की समृद्धि भी संभव हो पाएगी.”