रांची: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले यूपीए गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने प्रस्तावित लैंड म्यूटेशन बिल मेंकई खामियां होने की बात स्वीकार की है और इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करने की बात की है.
18 सितंबर से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र को लेकर कांग्रेस विधायक दल मंडल की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को पार्टी विधायक दल नेता सह राज्य के संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सह राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री डा रामेश्वर उराँव उपस्थित थे.
बैठक समाप्त होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि वे स्वीकार करते है कि लैंड म्यूटेशन बिल में खामियां हैं, इस संबंध में वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि यह विधेयक अभी प्रथम चरण में है, मंत्रिमंडल से विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी गयी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से बात होगी और जनता के अनुरूप फैसले लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लैंड म्यूटेशन बिल लेकर बहुत सारे लोग और संगठन उनसे और कांग्रेस के विधायकों से मिल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मान्यता देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से लगातार बात कर रहे हैं और इस संदर्भ में जल्द ही फैसले लिये जाने की उम्मीद है. आगामी विधानसभा उपचुनाव में आपसी सहयोग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सहयोगी दलों में सामंजस्य पहले भी था आज भी है और कल भी रहेगा. उन्होंने बताया कि वे दो दिन खुद बेरमो के उपचुनाव को लेकर स्थानीय कांग्रेस जनों से मुलाकात की और कई बैठक एवं कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी तीन दिन दुमका में रह करके आए हैं .दोनों ही उपचुनाव में यूपीए को जीत मिलेगी.
इस अवसर पर कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने बताया कि विधायक दल की बैठक सत्र बुलाने के पहले की जाती है , उसी क्रम में आज बैठक बुलायी गयी
पहला दिन अनुपूरक बजट रखा जाता है और शोक प्रस्ताव के साथ समाप्त हो जाते हैं. दो दिन के सत्र में रेखांकित प्रश्न उठाए जाएंगे, विधायक अपने प्रश्नों को रख सकते हैं और सरकार उसका जवाब देगी,कल्याणकारी राज्य हैं, विधायक चुनकर जीत कर आए हैं उनकी जो भी समस्याएं हैं वह विधानसभा के पटल पर रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते योजनाओं को गति नहीं दे पाए हैं उसके लिए आगे की रणनीति भी तय की जाएगी. लैंड म्यूटेशन बिल के संदर्भ में उन्होंने कहा यह बिल पहले ही भारतीय जनता पार्टी लेकर आई थी, गठबंधन सरकार जनता के हितों के अनुरूप ही कोई फैसला लेगी. सरना धर्म कोड को लेकर उन्होंने कहा कि यह मसला भी सरकार के संज्ञान में है, सत्र छोटा है पूरे देश में कोविड-19 के चलते दो-तीन दिनों का सत्र आहूत किया गया है. बहुत सारी चीजें लाना मुश्किल है यह जनता भी जानती है लेकिन लोगों की समस्याओं का निदान करने का वे भरपूर प्रयास करेंगे.
मंत्री बादल पत्रलेख ने बैठक में कहा किसानों की ऋण माफी को लेकर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है, किसानों को लेकर सरकार दृढ़ संकल्पित है.
बैठक में विधायक सह मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, दीपिका पांडेय सिंह, ममता देवी, प्रदीप यादव बंधु तिर्की, उमाशंकर अकेला,रामचंद्र सिंह, भूषण बाड़ा, सोना राम सिंकू, पूर्णिमा नीरज सिंह मौजूद रहे. कोरोना वैश्विक पॉजिटिव होने के कारण अंबा प्रसाद एवं नमन विकसल कोंगाड़ी अनुपस्थित रहे, जबकि बुखार होने की वजह से माननीय वधायक राजेश कच्छप अनुपस्थित थे. विधानसभा सत्र को लेकर विधायकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि बैठक की गतिविधियों के संचालन में सभी कांग्रेस विधायक ससमय विधानसभा में मौजूद रहेंगे. बैठक के संचालन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.